रोहतक: जब-जब हीरो की बात होती है तो फिल्मी सितारों के चेहरे आंखों के सामने घूमने लगते हैं, शायद हम इन हीरो के बारे में बात करना भूल ही जाते हैं. 24 घंटे जान हथेली पर रख कर काम करने वाले ये वो लोग हैं जो हर रोज सीवरों में घुस कर गंदगी साफ करते हैं. ये हीरो आपके घर से कचरा उठाते हैं, गटर साफ करते हैं, ताकि आप स्वच्छ रह सकें. जब ईटीवी भारत ने इनकी सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट बनाई तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए.
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पप्पू सिंह नाम के सफाई कर्मचारी ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें अभी तक सुरक्षा उपकरण नहीं मिले हैं वो बिना सुरक्षा उपकरण के ही सीवर की सफाई करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि वो अपने करीब पांच साथियों को खो चुके हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई सहायता नहीं मिली.
मैनुअल तरीके से होता है सीवर का 80 प्रतिशत काम, मैनुअल तरीके से हो रहा काम
रोहतक में सफाई कर्मचारियों के पास उपकरण तक नहीं हैं. आज भी 80 प्रतिशत काम मैनुअल तरीके से होता है. मशीन का इस्तेमाल 20 प्रतिशत ही किया जाता है. जिसकी वजह से हादसों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है. कहने को तो जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मशीन से सीवर की सफाई के आदेश दिए थे, लेकिन सच्चाई ये है कि उपकरण के अभाव में सफाई कर्मचारी जान हथेली पर रखकर काम करने को मजबूर हैं.
- सफाई कर्मचारियों के पास नहीं सेफ्टी उपकरण
- कर्मचारियों के पास नहीं ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट
- पूरे जिले में मात्र तीन ही मशीनें
- मैनुअल तरीके से होता है 80 प्रतिशत काम
- मशीन से काम 20 प्रतिशत होता है
- जान हथेली पर रखकर काम करने को मजबूर
पब्लिक हेल्थ विभाग के सुपरवाइजर गुलाब सिंह ने कहा कि सफाई उपकरण और मशीन नहीं होने की वजह से हर साल कई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. कई बार संबंधित अधिकारियों से इस बारे में शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ. ना सरकार और ना ही प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई किसी तरह की सहायता मिली है.
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आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इन मजदूरों को वक्त पर उनका मेहनताना भी नहीं मिलता. सरकार की तरफ से सुविधा तो दूर की बात है. मजूदरों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि डीसी रेट पर उन्हें तनख्वाह मिलनी चाहिए. साथ ही उन्हें सुरक्षा के उपकरण मिले. मशीन की कमियों को भी पूरा किया जाए. फिलहाल तो स्थिति ये है कि 24 घंटे जान हथेली पर रखकर काम करने वाले इन सफाई कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ले रहा. रोहतक शहर में सफाई की मात्र तीन मशीनें हैं. वो भी ठेकेदार की हैं. सरकार की तरफ से कोई सुविधा इन्हें नहीं मिली है.