रोहतक:महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में सितंबर माह में हुई फायरिंग की वारदात में शामिल रहे सीआरपीएफ के निलंबित सिपाही को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. बता दें कि इस वारदात में शामिल 3 आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं. फायरिंग की यह वारदात इस साल के 3 सितंबर को हुई थी. आरोपी चरखी दादरी जिले के गांव नौरंगवास का रहने वाला है. (Constable arrested for firing in MDU In Rohtak) (Firing in MDU In Rohtak)
जांच शाखा प्रभारी अनेश कुमार ने बताया कि 3 सितंबर 2022 की शाम महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में फायरिंग की सूचना मिली, जहां रिठाल गांव निवासी विजय ने शिकायत दी कि खेड़ी महम निवासी दीपक के साथ पैसे का लेनदेन चल रहा है. विजय का कहना है कि उसे दीपक से पैसे लेने हैं, जो बार-बार टाल रहा है. दीपक ने विजय को पैसे का हिसाब करने के लिए चार बजे रोहतक में मिलने के लिए कहा. कुछ देर बाद सुशील निवासी आसन का विजय का पास फोन आया व उसे साढ़े 5 बजे महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में बुला लिया. विजय एमडीयू की लाइब्रेरी के पास चला गया. (CISF Constable arrested for firing in MDU) (Firing in MDU)
जहां गाड़ी में अमित उर्फ मोनू, विकास फौजी व अन्य दीपक के साथ गाड़ी में बैठे हुए थे. विजय को भी दीपक ने गाड़ी में बैठा लिया. अमित ने विजय को कहा कि दीपक पैसे नहीं देगा. विजय ने अपने परिचित हर्ष को वहां पर बुला लिया. हर्ष के साथ उसके दोस्त कुलदीप व विदित भी वहां आ गए. विजय, सुशील, हर्ष व उसके दोस्तों के साथ आपस में बातें करने लगा. विजय को गोली चलने की आवाज सुनाई दी. विजय ने देखा कि अमित उर्फ मोनू अपने हाथ में लिए हुए पिस्तौल से उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहा है. विजय के शोर मचाने पर दीपक व अन्य युवक मौके से फरार हो गए. गोली लगने से घायल हुए हर्ष, विदित, कुलदीप व सुशील को इलाज के लिए पीजीआईएमएस में दाखिल करवाया गया.
सीआईए पुलिस मोनू सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार चुकी है, लेकिन विकास फौजी फरार चल रहा था, उसे अब काबू किया गया है. एसपी उदय सिंह मीना ने इस वारदात की जांच अपराध जांच शाखा को सौंपी. जांच शाखा प्रभारी अनेश कुमार ने बताया कि पुलिस टीम ने इस वारदात में शामिल रहे आरोपी चरखी दादरी जिला के नौरंगवास जाटान निवासी विकास को गिरफ्तार किया है. वह सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर कार्यरत था. जिसे बाद में निलंबित कर दिया गया था, जबकि इस वारदात में शामिल 3 आरोपी पहले पकड़े जा चुके हैं.
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