रोहतक: शुक्रवार को डीसी यशपाल यादव ने पराली जलाने को लेकर कहा कि जो भी किसान पराली जलाएगा तो उसपर कार्रवाई की (Action on burning crop residue in Rohtak) जाएगी. दरअसल, एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे. इन दिशा निर्देशों के चलते फसल अवशेष जलाने वाले किसानों से 2500 रुपए से लेकर 15 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला (Action on burning crop residue) जाएगा. पराली में आग लगाने वाले संबंधित गांव के नंबरदारों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही उनके हथियार लाइसेंस भी रद कर दिए (Strictness On Burning Crop in Rohtak) जाएंगे.
रोहतक में पराली जलाने पर होगी कार्रवाई, नंबरदार और किसानों पर लगेगा 15 हजार तक जुर्माना - Haryana Krishi News
रोहतक में फसल अवशेष जलाने पर कार्रवाई की जाएगी. डीसी यशपाल यादव ने कहा है कि फसल अवशेष जलाने वाले गांव के नंबरदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही किसानों से भी जुर्माना वसूला जाएगा.
डीसी यशपाल यादव ने कहा कि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को भविष्य में कोई भी सरकारी सहायता या लाभ नहीं दिया जाएगा. उन्होंने किसानों से यह भी कहा है कि वे पराली न जलाकर सरकार की चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें. उन्होंने कहा कि इस वर्ष से फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाने पर भी एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है. फसल अवशेष प्रंबंधन योजना के बारे में किसानों को फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए जागरूक किया जा रहा (Action on burning of crop residue in Haryana) है.
डीसी यशपाल यादव ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्रों सुपर सीडर, जीरो टीलेज मशीन, स्ट्राचोपर, हैपीसीडर और रिवर्सिबल प्लो अनुदान पर दिए जाते हैं. किसान इन कृषि यंत्रों का प्रयोग करके पराली को मिट्टी में मिलाकर जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही स्ट्रा बेलर मशीन से पराली की गांठे बनाकर सरकार की ओर से दी जा रही एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का लाभ उठा सकते (Action on stubble burning in Rohtak) हैं.
निगरानी समितियां रख रही है नजर: डीसी यशपाल यादव ने कहा कि किसान फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करें जिससे पर्यावरण को संरक्षित रखने के साथ-साथ मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाई जा सके. किसान फसल अवशेषों को आग न लगाएं. फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को हानि पहुंचती है और कीट भी नष्ट होते (Haryana Krishi News) हैं. जिला प्रशासन की ओर से जिले में फसल अवशेष जलाने पर निगरानी रखने के लिए समितियां गठित की गई है, जो ऐसी घटनाओं पर निगरानी रख रही है. उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की (Fine for burning crop residue in Rohtak) जायेगी.