रोहतक: हरियाणा सरकार ने ठेका कर्मियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल करने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा (sarva karamchari sangh haryana) ने मोर्चा खोल दिया है. इसी के चलते रोहतक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने बैठक की. जिसमें फैसला किया गया कि हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों पर 27 मई को प्रदर्शन किया जाएगा.
बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने की. पुरानी पेंशन को बहाल करने, छंटनीग्रस्त कर्मियों की बहाली, खाली पड़े लाखों पदों पर नियमित भर्ती करने और विभिन्न सरकारी विभागों के निजीकरण पर रोक लगाने के मुद्दों पर बैठक में चर्चा की गई. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने नगर पालिका कर्मचारी संघ की 23 और 24 मई की प्रदेशव्यापी हड़ताल, स्वास्थ्य विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के 19 मई के प्रदर्शन को भी समर्थन दिया.
इसके अलावा हरियाणा एजुकेशन मिनिस्टर स्टाफ एसोसिएशन के 15 मई के शिक्षा मंत्री के आवास पर होने वाले प्रदर्शन और 15 जून को ऑल हरियाणा पावर कॉर्पोरेशनज वर्कर यूनियन के बिजली मंत्री के सिरसा आवास पर होने वाले प्रदर्शन का भी पुरजोर समर्थन किया है. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि सरकार लाखों अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की बजाय कौशल रोजगार निगम में धकेल कर गुलाम बनाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ हो गई है कि वो ना तो रेगुलर करने की नीति बनाना चाहती है और न ही समान काम समान वेतन देना चाहती है. पुरानी पेंशन बहाली की मांग को तो मुख्यमंत्री विधानसभा में ही खारिज कर चुके हैं. वहीं, कोरोना महामारी के दौर में भर्ती किए गए कोविड कर्मचारियों समेत स्वास्थ्य ठेका कर्मियों व पीटीआई के साथ वायदा करके वापस ड्यूटी पर नहीं लिया जा रहा है. इसी के विरोध में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का फैसला किया है.
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