रोहतक: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को 1983 पीटीआई अध्यापकों को 3 दिन में पद मुक्त करने के आदेश दे दिए हैं. जिसे लेकर पीटीआई टीचरों की मांग है कि हरियाणा सरकार विधानसभा में बुलाकर उनकी नौकरी बचाने का काम करे, ताकि अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन हरियाणा सरकार व भर्ती बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई कार्रवाई नहीं की, आखिर हमारा क्या दोष था ? इन बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का वो सम्मान करते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले में तत्कालीन हरियाणा सरकार व भर्ती बोर्ड को दोषी नहीं ठहराया गया और सिर्फ उनके ऊपर ही गाज गिरी है.
इनका कहना है कि अब उनकी उम्र भी ज्यादा हो गई है और वो अन्य कोई काम करने में सक्षम नहीं है, इसलिए अब अपने परिवार को कैसे पाल पाएंगे. वो प्रदेश सरकार से गुहार लगाते हैं कि इस मामले में विधानसभा में बिल लाकर उनकी नौकरी जो की त्यों बरकरार रखी जाए, ताकि वो अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.