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नशे के खिलाफ रोहतक पुलिस का बड़ा अभियान, शहर में निकाली जागरूकता रैली

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Published : Jun 25, 2020, 7:53 PM IST

नशीले पदार्थ के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने अभियान छेड़ दिया है. गुरुवार को रोहतक पुलिस ने नशीले पदार्थ के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली.

Rohtak Police big campaign against drug addiction
Rohtak Police big campaign against drug addiction

रोहतक: जिले में नशे के कहर को रोकने लिए पुलिस प्रशासन ने बड़ा अभियान चलाया है. इस अभियान में करीब 150 पुलिसकर्मी शामिल हुए थे. अभियान में पुलिस ने लोगों से नशीले पदार्थ से बचने की अपील की है. सभी पुलिसकर्मियों ने नशे के खिलाफ पैदल मार्च निकाला और लोगों को नशे के प्रति जागरुक किया.

नशे के खिलाफ पुलिस का अभियान

बता दें कि 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. इस दिवस के मौके पुलिस ने ये अभियान चलाया. इस दौरान पुलिस ने लोगों से अपील की है कि कोई भी नशा बेचता है, तो वो पुलिस को बताए, ताकि इस नशे को खत्म किया जा सकें.

नशे के खिलाफ रोहतक पुलिस का बड़ा अभियान, देखें वीडियो

लोगों से नशा छोड़ने की अपील

नशीले पदार्थों के सेवन और अवैध व्यापार के खिलाफ हर साल 26 जून को अंतरराष्‍ट्रीय नशा मुक्‍ति‍ द‍िवस के रूप में मनाया जाता है. डीएसपी गौरखपाल राणा ने कहा कि नशे के खिलाफ लोगों को भी साथ आना होगा, ताकि नशे की लत में फंसे युवाओं के भविष्य को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के आस-पड़ोस में कोई नशा बेचता है तो उसकी सूचना तुरन्त पुलिस को दें.

रोहतक में पुलिस आए दिन नशीले पदार्थ की खेप को पकड़ रही है. लॉकडाउन में नशा तस्करों के हौंसले बुलंद है. कई नशा तस्कर पंजाब या दिल्ली के रास्ते से अंदर आते हैं, जिन्हें पुलिस पकड़ती भी है.

नशे के मामले में ये है भारत की हालत

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में भारत हेरोइन का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश बनता जा रहा है. हाल ही में सामने आई तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की एक रिपोर्ट के अनुसार, 13 देशों की सूची में भारत तीसरे स्थान पर है. इस सूची में इससे ऊपर बांग्लादेश और रूस हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार करीब 18.4 फीसदी युवा न सिर्फ तंबाकू, बल्कि सिगरेट, बीड़ी, खैनी, बीटल, अफीम, गांजा जैसे अन्य खतरनाक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में नशा करने वाले हर पांच में एक व्यक्ति की उम्र 21 साल से कम है.

इस दिन से मनाया जाता है ये दिवस

गौरतलब है कि नशीली दवाओं या पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते देख संयुक्त राष्ट्र ने 7 दिसंबर 1987 को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस दिवस के माध्यम से लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के प्रति जागरुक किया जाता है.

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