रोहतक: हरियाणा सरकार ने PGIMS रोहतक में स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर को मंजूरी दे दी (Rohtak PGIMS Sports Injury Center) है. जिसके तहत अब हरियाणा के एथलीटों में विटामिन डी के स्तर का अनुमान लगाने के लिए खेल चिकित्सा और स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर एक शोध परियोजना आयोजित करेगा. साथ ही प्रताप सिंह मेमोरियल स्कूल सोनीपत (Pratap Singh Memorial School Sonepat), शाहाबाद हॉकी अकादमी, महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, राजीव गांधी खेल परिसर और छोटूराम स्टेडियम के अलावा अन्य संस्थान के 10 साल से 30 साल तक के 500 पेशेवर एथलीट का चयन किया जाएगा.
रोहतक PGIMS में स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर को मंजूरी, एथलीट में विटामिन-D के स्तर का होगा रिसर्च
रोहतक PGIMS में स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर को मंजूरी मिलने के बाद खेल चिकित्सा और स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर मिलकर एक रिसर्च करेगा. इस रिसर्च में एथलीटों में विटामिन डी के स्तर का अनुमान लगाया जाएगा.
रोहतक PGIMS स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग (Rohtak PGIMS Department of Sports Medicine) के अध्यक्ष डॉ. राजेश रोहिल्ला को इस सेंटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि बायोकेमेस्ट्री विभाग की प्रोफेसर डॉ. मंजू लता और खेल पोषण विशेषज्ञ की डॉ. शिल्पा उनका सहयोग करेंगी. डॉ. रोहिल्ला ने बताया कि पूरे भारत वर्ष में हरियाणा एक मात्र खेल का हब है. राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय और ओलंपिक में एक तिहाई से ज्यादा पदक यहां के खिलाड़ी जीतते आए हैं.
जिसे देखते हुए ही हरियाणा सरकार ने PGIMS में इस सेंटर को मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि सामान्य आबादी 50% तक में विटामिन डी की कमी बहुत आम हैं. विटामिन डी कमी से एथलीटों में स्ट्रेस,फ्रैक्टर, अधिक सक्रंमण, प्रदर्शन में कमी, मायलजिया, थकान, ह्रदय और फेफड़ों के काम करने में कमी हो सकती है. उन्होंने बताया कि यह परियोजना हरियाणा के खिलाड़ियों में विटामिन डी की कमी का अनुमान लगाएगी और इसे रोकने के लिए उपाय सुझाएगी.