रोहतक: हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर रविंद्र बलियाला ने रोहतक के एसपी हिमांशु गर्ग को तलब किया है. एसपी को अब 3 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से आयोग के सामने पंचकूला स्थित ऑफिस में पेश होना होगा. दरअसल आयोग के अध्यक्ष एससी, एसटी एक्ट के तहत पुलिस स्टेशनों में दर्ज केसों की सुनवाई के लिए रोहतक पहुंचे थे. ऐसे ही 3 मामलों में पीड़ित पक्ष या शिकायतकर्ता पेश ही नहीं हुए. जिसे आयोग के अध्यक्ष ने पुलिस की लापरवाही माना और इसके लिए एसपी को जिम्मेदार ठहराया.
हालांकि खुद एसपी भी आयोग के अध्यक्ष की मीटिंग में मौजूद नहीं थे. इससे आयोग के अध्यक्ष और ज्यादा नाराज हो गए. उन्होंने माना कि शिकायतकर्ताओं को मीटिंग से संबंधित संदेश भेजने में पुलिस ने लापरवाही बरती है. इसके एसपी को खुद 3 अक्टूबर तक पंचकूला स्थित आयोग के ऑफिस में पहुंचकर जवाब देना होगा. सर्किट हाउस में आयोग के अध्यक्ष ने कुल 27 मामलों की मीटिंग में सुनवाई की. डॉक्टर बलियाला ने कहा कि जिस तरह से सरकार संवेदनशील है, आयोग भी बड़ा संवेदनशील है, ऐसे में एसपी रोहतक की ओर से कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई है. वो खुद भी मीटिंग में नहीं आए. ऐसे में जो मैसेज शिकायतकर्ता तक जाना चाहिए था, उसकी सुनवाई सही तरीके से नहीं हो पाई.
इसलिए रोहतक एसपी को तलब किया गया है. इस प्रकार से तो शिकायतकर्ता को न्याय नहीं मिल पाएगा. प्रशासनिक अधिकारियों की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी बनती है. यदि प्रशासनिक अधिकारी ही इस तरह की लापरवाही करेंगे तो निश्चित तौर पर कहीं ना कहीं वे न्याय के पक्ष में नहीं हैं. अधिकारी नहीं चाहते कि अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय मिले. आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि शुरुआत में बताया गया कि एसपी किसी मीटिंग में हैं. इसलिए आयोग ने सुनवाई देरी से शुरू की, लेकिन देरी से मीटिंग शुरू करने के बावजूद भी एसपी नहीं आए.