रोहतकः पराली जलाने को लेकर किसानों पर हो रही कार्रवाई से हरियाणा के किसानों में रोष है. किसानों का कहना है कि अगर पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है तो पटाखों पर रोक क्यों नहीं लगाई गई.
किसानों का कहना है कि आखिर वो अपनी पराली को कहां लेकर जाए क्योंकि सरकार के पास इसकी व्यवस्था के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में उनपर इस तरह की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है. जिसको लेकर प्रदेश के किसानों ने आज रोहतक सचिवालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
'किसान नहीं चाहता अपने ही खेतों में आग लगाना'
किसानों ने सरकार से पराली की व्यवस्था करने की गुहार लगाई और प्रदूषण के लिए वाहन, फैक्ट्रियों और पटाखों से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार बताया. साथ ही किसानों ने ओलावृष्टि बेमौसमी बारिश से धान की खराब फसल के मुआवजे और पराली की व्यवस्था करने को लेकर रोहतक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान नाराज किसानों ने जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. किसानों का कहना है कि सरकार को पराली का समाधान खोजना चाहिए. किसान को अपनी फसल बोने के लिए खेत को तो खाली करना ही है. किसान नहीं चाहता कि वो अपने खेत में आग लगाए.