रोहतक:शहर में लगभग 18 हजार ऑटो हैं. इन ऑटो चालकों को जिला प्रशासन ने शहर में ऑटो चालाने की अनुमति दे दी है. अभी इक्का-दुक्का ऑटो ही सड़क पर दौड़ती नजर आ रही है. ये ऑटो चालक मात्र दो सवारियां लेकर ही ऑटो चला सकेंगे. अगर किसी ऑटो में दो से ज्यादा सवारियां दिखी तो प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी.
'ऑटो की किश्त पूरी करें या परिवार का पेट पालें' रोहतक में ऑटो चालकों को राहत
लॉकडाउन के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं. आम आदमी भी अपने घरों में ही बैठा हुआ है. इसलिए उन्हें सवारियां भी नहीं मिल रही हैं. बहुत से ऑटो और ई रिक्शा चालकों ने या तो बैंक से लोन ले रखा है या फिर प्राइवेट फाइनेंसर से पैसा उठा रखा है. अगर समय से किस्त नहीं गई तो उनके ऊपर रोजी रोटी के साथ, उनके ऑटो के जाने का खतरा भी मंडराने लगेगा. इस पर ऑटो चालकों का कहना है कि...
जिला प्रशासन ने जो उन्हें राहत दी है, उसके लिए वे धन्यवाद करते हैं, लेकिन अब उनके हालात अच्छे नहीं हैं. महज 2 ही सवारी लेकर वे चल सकते हैं. ऐसे में उनकी गाड़ी के तेल भाड़ा भी नहीं निकल रहा है. अब उनके सामने एक समस्या पैदा हो गई है. वो अपने परिवार का पेट पालें या फिर अपनी गाड़ी की किस्त पूरी करें. इसलिए वो मांग करते हैं कि सरकार को उनके बारे में कुछ अलग से सोचना चाहिए.
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रोहतक ऑटो यूनियन के प्रधान राजेंद्र दहिया ने बताया शहर में भले ही ऑटो चलाने की परमिशन मिल गई हो, लेकिन हजारों ऑटो होने के बावजूद महज सौ के करीब ऑटो ही चल रहे हैं. केवल 2 सवारियां बैठाने का प्रावधान किया है. इससे ऑटो चालकों को और ज्यादा परेशानी हो रही है. सरकार ने अभी तक ऑटो चालकों को किसी प्रकार की आर्थिक राहत नहीं दी है. उन्होंने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा था कि दिल्ली सरकार की तर्ज पर ऑटो चालकों को आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि वे अपने बच्चों की फीस और परिवार का पालन पोषण कर सकें.