हरियाणा के मेजर नितिन धानिया को मिला शौर्य चक्र रोहतक: रोहतक जिले के डोभ गांव के मेजर नितिन धानिया को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया है. नितिन को शौर्य चक्र मिलने पर उनके गांव में खुशी का माहौल है. नितिन की मां को बेटे पर नाज है. मां के मुताबिक नितिन बचपन से ही देश सेवा करना चाहता था. मेजर धानिया ने 13 दिसंबर 2021 को जम्मू कश्मीर में छिपे हुए 2 आतंकियों को खोजकर ढेर कर दिया था. इन दोनों आतंकवादियों की आमजन में छिपकर भारतीय सेना के काफिले को निशाना बनाने की योजना थी.
मेजर नितिन धानिया के नाम की सिफारिश पिछले वर्ष 15 अगस्त को की गई थी. वे जम्मू-कश्मीर में पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्स की सेकेंड बटालियन में डेढ़ साल पहले तैनात हुए थे, जब उन्होंने 2 आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल ऑपरेशन किया था. इस दौरान उन्होंने बहादुरी का परिचय देते हुए इन्हें मार गिराया था. इस कार्रवाई में मेजर नितिन धानिया ने न केवल स्थानीय लोगों की जान बचाई बल्कि सेना के काफिले की भी सुरक्षा की थी.
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जम्मू कश्मीर में हुई इस मुठभेड़ में नितिन ने पहले एक आतंकी को मार गिराया, जो ए प्लस श्रेणी का आतंकवादी था. इसके बाद उन्होंने देखा कि आतंकी इनके साथी पर हमले के लिए आगे बढ़ रहे हैं तो उन्हें मेजर नितिन ने ललकारा और टारगेट तय कर एक ही गोली में ए-ग्रेड के दूसरे आतंकवादी को भी ढेर कर दिया. नितिन के पिता जयसिंह धानिया एयरफोर्स के जेड्ब्ल्यूओ पद से 2001 में सेवानिवृत्त हुए थे.
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नितिन के चाचा संदीप धानिया ने बताया कि वर्ष 2005 में रोहतक में सेना की खुली भर्ती में नितिन एयरफोर्स में एयरमैन के तौर पर भर्ती हुए थे लेकिन उन्होंने बावजूद इसके अपनी पढ़ाई जारी रखी. क्योंकि नितिन चाहते थे कि वे सेना में अधिकारी बने. नितिन ने वर्ष 2008 में सीडीएस की परीक्षा पास की. परीक्षा पास करने के बाद करीब डेढ़ साल की ट्रेनिंग हुई और लेफ्टिनेंट बने. वहीं, मां सुनीता धानिया ने बेटे मेजर नितिन धानिया को शौर्य चक्र मिलने पर खुशी जताई है. उनका कहना है कि वह बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहता था.