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लाठीचार्ज में घायल हुए किसान से मिले बलराज कुंडू, बोले- लहू की हर बूंद का हिसाब होगा - balraj kundu rohtak

महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने पिपली लाठीचार्ज में घायल हुए किसान नत्थाराम से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि किसान के बदन से टपकी लहू की एक-एक बूंद का हिसाब होगा.

MLA Balraj Kundu meets farmer injured in pipli lathicharge
MLA Balraj Kundu meets farmer injured in pipli lathicharge

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Published : Sep 12, 2020, 8:14 PM IST

रोहतक: महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू लगातार सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ आग उगल रहे हैं. पिपली लाठीचार्ज में घायल किसान 80 वर्षीय बुजुर्ग नत्थाराम से मिलने महम से विधायक बलराज कुंडू मिलने पहुंचे. अचानक विधायक को अपने घर आया देख नत्थाराम भावुक हो गए.

पिपली के चिब्बा गांव पहुंचकर कुंडू ने घालय बुजुर्ग नत्थाराम को पगड़ी पहनाई. यही नहीं उन्होंने घायल नत्थाराम को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी. कुंडू ने कहा कि किसान का बेटा हूं आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ता रहूंगा.

किसान नत्थाराम को विधायक कुंडू ने छड़ी भेंट की, इलाज के लिए दी 50 हजार की आर्थिक मदद. कुंडू ने कहा कि हमारे किसान, कमेरे, मजदूर, आढ़ती के बदन पर पड़ी तानाशाह लाठियां खट्टर सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होंगी.

विधायक बलराज कुंडू ने की लाठीचार्ज में घायल हुए बुजुर्ग किसान से मुलाकात, देखें वीडियो

'इन कबूतरों से सावधान होने की जरूरत है'

बलराज कुंडू ने खट्टर पर इशारों-इशारों में कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली के महलों से उड़कर दाना चुगने आने वाले कबूतरों से सावधान होने की जरूरत है. उन प्रवासी कबूतरों को ये ही नहीं पता कि जो दाना वो चुगने आते हैं हमारे किसान उसे कितना पसीना बहाकर उगाते हैं.

कुंडू ने किसान बचाओ, खट्टर भगाओ, प्रदेश बचाओ का नारा भी दिया. इसके बाद विधायक बलराज कुंडू अंबाला के महल गांव वासी युवा किसान हरबीर महल से मिलने उनके घर भी पहुंचे और हरबीर का हालचाल जाना. बातचीत में हरबीर ने विस्तार से बताया कि कैसे पुलिस ने बिना किसी उकसावे के अचानक किसानों पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी. काफी ऐसे भी थे जो पुलिस की वर्दी में भी नहीं थे, लेकिन उन्होंने भी अंधाधुंध लाठियां मारी.

'खट्टर सरकार से इसका हिसाब लिया जाएगा'

विधायक कुंडू ने कहा कि सरकार को इसका हिसाब देना पड़ेगा. हमारे किसान-मजदूर के साथ ज्यादती की गई और बुजुर्गों के मान-सम्मान की प्रतीक पगड़ी को इस बेशर्म सरकार ने उछाला है जिसका हिसाब लिया जाएगा. किसान के बदन से टपकी लहू की एक-एक बूंद का हिसाब होगा.

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