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रोहतक की बंद फैक्ट्रियों में फंसे यूपी बिहार के सैकड़ों मजदूर, ना राशन ना घर जाने का इंतजाम

लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर किस कदर बेबस हैं ये बस वही समझ सकते हैं. बिहार से 1100 किलोमीटर दूर रोजी रोटी के लिए आए प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है. इन प्रवासी मजदूरों ने सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है.

migrant-workers stranded in factories in rohtak haryana
Migrant workers wants to go home in rohtak

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Published : May 17, 2020, 9:20 PM IST

रोहतक: लॉकडाउन की वजह से बंद पड़ी फैक्ट्रियों में फंसे प्रवासी मजदूरों ने सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी. सरकार के लाख दावों के बाद भी इन प्रवासी मजदूरों की बेबसी कोई नहीं समझ पाया.

अब हालात ये हो चले हैं कि इन्हें राशन की दुकानों में उधार मिलना भी बंद हो चुका है और मकान मालिक भी किराये के लिए लगातार दबाव बना रहा है, क्योंकि जिन फैक्ट्रियों में ये लोग काम करते हैं वो पिछले 2 महीने से बंद पड़ी है.

रोहतक की बंद फैक्ट्रियों में फंसे यूपी बिहार के सैकड़ों मजदूर

अब मजदूरों ने सरकार को चेतावनी दे डाली कि चाहे पुलिस से टकराना पड़े या सरकार से हम लोग वो करेंगे जो हमें नहीं करना चाहिए. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि अब हम पैदल ही अपने घरों की तरफ जाएंगे, ताकि हम भी अपनों के पास पहुंच सकें.

गौरतलब है कि रोहतक जिले के टिटौली गांव में अनेक फैक्ट्रियां हैं, जिसमें बिहार और यूपी के प्रवासी मजदूर काम करते हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन करवाने के बावजूद भी इन्हें घर नहीं भेजा जा रहा और ना ही इनके पास राशन उपलब्ध है.

ऐसे में ये प्रवासी मजदूर पैदल ही पलायन करने की तैयारी में हैं, जबकि प्रशासन और सरकार दावा करती रही है कि किसी भी प्रवासी मजदूर को भूखे पेट नहीं सोने दिया जाएगा. अब सरकार के दावों में कितनी सच्चाई है ये इन प्रवासी मजदूरों ने खुद ही बता दिया है.

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