रोहतक: हरियाणा में एमबीबीएस छात्र सरकार की बॉन्ड पॉलिसी का विरोध (mbbs students protest bond policy in haryana) कर रहे हैं. एमबीबीएस छात्रों के लिए बॉन्ड पॉलिसी और फीस बढ़ाने पर विद्यार्थियों ने रोहतक PGI में विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने कहा कि केवल हरियाणा में ही मेडिकल पढ़ाई की फीस को बढ़ाया गया है. जिसकी वजह से रोहतक पीजीआई में 37 में से 34 सीटें खाली पड़ी हैं. केवल तीन सीट पर ही एडमिशन हुआ है. छात्रों ने बॉन्ड पॉलिसी का विरोध करते हुए बड़े स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
मंगलवार को पीजीआईएमएस के एमबीबीएस स्टूडेंट्स और अभिभावकों ने डायरेक्टर ऑफिस से मेडिकल मोड़ कर मार्च निकालकर विरोध (mbbs students protest in rohtak) दर्ज किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वी वांट जस्टिस का नारा लगाया. दरअसल हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से एमबीबीएस के प्रवेश के समय ही सालाना 10 लाख रुपये के बॉन्ड की अनिवार्यता लागू की गई है. इस बॉन्ड पॉलिसी का दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स और दाखिला हासिल कर चुके स्टूडेंट्स पुरजोर विरोध कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधार करने की बजाय गड़बड़ाना चाहती है. इसलिए ही एमबीबीएस में दाखिले के समय बॉन्ड पॉलिसी (bond policy for mbbs students in haryana) लागू की गई है. जिसके तहत एमबीबीएस में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को सालाना 10 लाख रुपये का बॉन्ड देना होगा, जबकि देश के किसी भी प्रदेश में ये व्यवस्था लागू नहीं है. हरियाणा को छोड़कर सभी प्रदेशों में कम फीस पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है. 10 लाख रुपये सालाना बॉन्ड भरना अभिभावकों के लिए संभव नहीं है.