रोहतक: पीजीआईएमएस में एमबीबीएस छात्रों का आंदोलन (mbbs students protest in pgims) जारी है. छात्रों ने साफ किया है कि जब तक सरकार बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह से खत्म नहीं करेगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. छात्रों के इस ऐलान से हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रशासन मुश्किल में आ गया है, क्योंकि 5 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय यहां दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगे. इस दौरान छात्र सीएम का विरोध कर सकते हैं.
दरअसल हरियाणा सरकार ने सूबे के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस छात्रों के लिए बॉन्ड पॉलिसी (mbbs bond policy haryana) को अनिवार्य किया था. जिसके तहत दाखिले के लिए छात्र को सालाना 10 लाख रुपये देने की बात कही गई थी. पीजीआईएमएस के एमबीबीएस छात्र लगातार सरकार की इस पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं. जिसके चलते हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि एमबीबीएस के छात्रों के अब बॉन्ड राशि का भुगतान नहीं करना होगा. अब विद्यार्थियों को कॉलेज और संबंधित बैंक के साथ राशि के बॉन्ड-कम-ऋण एग्रीमेंट करना होगा.
अगर एमबीबीएस, एमडी पास-आउट विद्यार्थी डॉक्टर के रूप में राज्य सरकार की सेवा में शामिल होना चाहते हैं और सात साल की निर्दिष्ट अवधि के लिए काम करते हैं, तो राज्य सरकार बॉन्ड राशि का वित्तपोषण करेगी. जो छात्र हरियाणा में डॉक्टर के रूप में सरकारी सेवा में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हें उक्त राशि का भुगतान स्वयं करना होगा. ऐसे विद्यार्थियों की संबंधित स्नातक डिग्री उम्मीदवारों द्वारा सभी वित्तीय देनदारी पूरी करने के बाद ही जारी की जाएगी. सरकार ने ये कदम इसलिए उठाया है ताकि एमबीबीएस करने के बाद छात्र सरकारी अस्पतालों में काम कर सकें और राज्य के लोगों को अपनी सेवाएं दे सकें.