रोहतक: फरवरी 2016 में हुआ हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन (Jat Reservation Movement in Haryana) एक बार फिर से सुर्खियों में है. जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज केसों का मामला एक बार फिर उठ गया है. रोहतक, झज्जर और सोनीपत की खाप पंचायत इस मुद्दे पर एकजुट हो गई हैं. शुक्रवार को रोहतक में तमाम खाप प्रधानों व प्रतिनिधियों की बैठक (Khap Panchayat meeting in Rohtak) हुई.
जिसमें प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया. साथ ही सरकार को अल्टीमेटम भी दिया गया. खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि समझौते के समय सरकार ने जो वादे किए थे, अब उससे मुकर रही है. निचली अदालत के फैसलों को सरकार हाई कोर्ट में चैलेंज कर रही है. गौरतलब है कि फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेश भर के कई जिलों में व्यापक तौर पर हिंसा हुई थी.
रोहतक में उस दौरान हरियाणा सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के आवास को भी आग लगा दी गई थी. इसके अलावा कई अन्य आगजनी की घटनाएं हुई थी. इस दौरान पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत भी हो गई थी. प्रदेश भर में विभिन्न स्थानों पर आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज हुए थे. आंदोलन की आग जब शांत हुई तो सरकार के साथ समझौता हुआ था. जिसके तहत सरकार ने दर्ज केस वापस लेने का वादा किया था.