रोहतक: पानीपत के छाजपुर खुर्द में (Panipat Chhajpur Khurd matter) एक लड़के और उसके परिवार के सामाजिक बहिष्कार का मुद्दा सुर्खियों में होने के साथ-साथ गर्माता भी जा रहा है. पूरे मामले को रोहतक की अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने इस फैसले को तालिबानी फरमान करार कर दिया है. साथ ही जनवादी महिला समिति ने इस घटना की कड़े शब्दों में आलोचना की है.
छाजपुर खुर्दे के पूरे घटनाक्रम पर रोहतक में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेशाध्यक्ष उषा सरोहा व महासचिव सविता ने कहा कि इस तरह सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं (boycott of boy and girl in Panipat) सभ्य समाज के माथे पर कलंक हैं. इन घटनाओं की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. उन्होंने कहा कि यह घटना संविधान और कानून का खुले तौर पर उल्लंघन है और इस तरह के तालिबानी फरमान को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें-मिरकां गांव हत्याकांड: कड़ी सुरक्षा के बीच 14 दिन बाद हुआ मृतक का अंतिम संस्कार
उषा सरोहा ने कहा कि इस तरह के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में उन्होंने सामाजिक बहिष्कार का फैसला लेने वाले तथाकथित पंचायतियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाने की मांग की है. साथ ही लड़के के परिवार को सुरक्षित बसाने और युवती के पिता की मौत की जांच कराने की भी मांग की है. समिति की दोनों नेताओं ने कहा कि इज्जत के नाम पर होने वाले इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए पर सख्त कानून बनना चाहिए.