रोहतक: बीमा कंपनियों से पूछ कर कुदरत किसानों का नुकसान करें तो ही किसानों को खराब फसल का मुआवजा मिल सकता है. क्योंकि बीमा कंपनियों ने नुकसान होने की तिथि तक निर्धारित कर दी है. अगर कुदरत ने उस तिथि के बाद किसानों को कोई नुकसान किया तो किसानों को खराब फसल का मुआवजा नहीं मिलेगा.
बीमा कंपनियों ने खड़े किए हाथ
यही हालात हरियाणा प्रदेश में दिखाई दे रहे हैं. बीमा कंपनी ने ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात से खराब हुई धान की फसल का मुआवजा देने से मना कर दिया है. क्योंकि इंद्र देवता 5 अक्टूबर के बाद बरसे और किसानों के बीमे की तिथि 5 अक्टूबर पहले से ही निर्धारित कर दी गई थी. अब किसान अपना परिवार पालने के लिए भगवान भरोसे ही बैठे है. वही भगवान जो बीमा कंपनियों पर है मेहरबान.
बर्बाद किसान
18 अक्टूबर को प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि, आंधी और भारी बारिश की वजह से किसानों की धान की फसल में काफी नुकसान हुआ है. अब किसान इस उम्मीद में बैठे हैं कि सरकार या बीमा कंपनी उन्हें मुआवजा देगी, क्योंकि फसल बीमा योजना के तहत उनकी बीमा राशि भी कट चुकी है. लेकिन कृषि विभाग में एक नोटिस चिपका दिए गए हैं कि 5 अक्टूबर से पहले अगर धान की फसल में नुकसान हुआ तो ही मुआवजा दिया जाएगा.