रोहतक: जिला पुलिस की आर्थिक अपराध जांच शाखा ने मोबाइल टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरदना को गिरफ्तार कर लिया है. उसे सोमवार को कोर्ट में पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है. गिरोह का सरगना दिल्ली में किराए के मकान से धोखाधड़ी का कारोबार चला रहा था. गिरोह के सदस्य मोबाइल टॉवर कंपनी इंडस के नाम पर लोगों को कॉल कर धोखाधड़ी का शिकार बनाते थे.
दरअसल, आर्थिक अपराध जांच शाखा रोहतक के ब्राह्मणवास गांव के एक व्यक्ति के साथ हुई धोखाधड़ी की जांच कर रही थी. जांच के दौरान ही गिरोह का खुलासा हुआ. ब्राह्मणवास गांव निवासी जयभगवान की शिकायत पर सदर पुलिस स्टेशन में 6 जून 2022 को आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज हुआ था. जयभगवान के पास एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आई थी. कॉल करने वाले युवक ने खुद को मोबाइल टॉवर लगाने वाली इंडस कंपनी का कर्मचारी नितिन बताया था.
नितिन ने संजय शुक्ला नाम के एक व्यक्ति को सीनियर अधिकारी बताकर जयभगवान से बात कराई थी. जयभगवान ने संजय शुक्ला से उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड व पहचान पत्र की मांग की थी. संजय ने अपने व निजी के कागजात जभगवान को भेज दिए. फिर जयभगवान की जमीन व प्लॉट के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली. नितिन ने जयभगवान को बताया कि उसकी जमीन पर टावर लगाने के लिए सेटेलाइट निरीक्षण किया गया था, जो सही पाया गया है.
इस जमीन के लिए एनओसी लेने की बात कही. नितिन ने जयभगवान से कहा कि इंडस कंपनी का वकील कर्नाटक का है. जिसके बैंक अकाउंट में पैसे डलवाने होंगे. जयभगवान ने दिए गए बैंक अकाउंट में कई बार राशि डलवा दी. इसके बाद जयभगवान के पास एक युवक की कॉल आई. जिसने कहा कि 40 लाख रुपये का चेक भेजा गया है. जिसे क्लीयर करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की गई. जयभगवान से मना कर दिया, लेकिन बाद में संजय शुक्ला कहने पर कमीशन के नाम पर 20 हजार रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए. इस प्रकार कुल मिलाकर जयभगवान के साथ एक लाख 54 हजार 450 रुपये की ठगी की गई. एसपी उदय सिंह मीना ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध जांच शाखा को सौंपी. शाखा प्रभारी राजू सिंधू ने बताया कि जांच टीम ने गिरोह के सरगना उत्तर प्रदेश के महोबा निवासी राजलाल को गिरफ्तार कर लिया है. वह फिलहाल दिल्ली के शालीमार बाग में किराए के मकान में रह रहा था.
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प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राजलाल ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर खाली पड़े प्लॉट या जमीन पर टावर लगाने का झांसा देकर ठगी करने का प्लान तैयार किया. उसने अपने किराये के पते पर शालीमार बाग के एक बैंक में अकाउंट भी खुलवा लिया. फिर राजलाल व उसके साथी इंडस कंपनी के कर्मचारी बनकर लोगों को झांसे में लेकर ठगी करने लग गए. राजलाल ठगे हुए रुपयों का कुछ हिस्सा अपने पास रखता था. प्रभारी ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है.
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