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हरियाणा की हर्षिता कौशिक को अमेरिका से मिली स्कॉलरशिप, 8 राउंड की परीक्षा देने के बाद मिली सफलता - प्रिसिंपल संगीता नैन

रोहतक में गांव कुलताना की रहने वाली हर्षिता अब अमेरिका से 11वीं की पढ़ाई करेगी. स्कूल में एक प्रोग्राम के दौरान हर्षिता ने 8 राउंड को सफलता से पार किया. जिसके बाद उसे ये सुनहरा अवसर मिला है.

harshita kaushik selected for american scholarship
हरियाणा की हर्षिता कौशिक को अमेरिका से मिली स्कॉलरशिप.

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Published : Apr 6, 2023, 8:48 PM IST

हरियाणा की हर्षिता कौशिक को अमेरिका से मिली स्कॉलरशिप.

रोहतक:हरियाणा की छोरियां ना तो खेल-पहलवानी में पीछे हैं और ना ही पढ़ाई में पीछे है. हर क्षेत्र में हरियाणा की छोरियों का कमाल ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी देखने को मिल रहा है. ताजा उदाहरण है रोहतक के कुतलाना गांव की एक बेटी का. जी हां कुतलाना गांव में किसान परिवार की बेटी हर्षिता कौशिक ने विदेशों में भी अपने स्कूल और परिवार तथा देश का नाम रोशन किया है.

दरअसल, हर्षिता कौशिक अब अपनी 11वीं की पढ़ाई अमेरिका में जाकर करने वाली हैं. क्योंकि उसे Kennedy-Lugar Youth Exchange and Study प्रोग्राम के तहत अमेरिका सरकार ने स्कॉलरशिप दी है. पूरे देश में इस प्रोग्राम के लिए 29 बच्चे चुने गए थे. जिनमें से केवल हरियाणा की हर्षिता कौशिक को ये अवसर मिला है. जिसके चलते हर्षिता के परिवार में काफी खुशी का माहौल है. हर्षिता पर उसका स्वामी नित्यानंद ग्लोबल रेजिडेंटल स्कूल भी गर्व महसूस कर रहा है.

हर्षिता रोहतक में स्वामी नित्यानंद ग्लोबल रेजिडेंटल स्कूल में 10वीं क्लास में पढ़ाई करती हैं. हर्षिता का कहना है कि जब स्कूल के स्टाफ ने उसे इस प्रोग्राम के बारे में बताया तो उसने तभी से इसके लिए एफर्ट्स करने शुरू कर दिए थे. इस प्रोग्राम के द्वारा 8 राउंड करवाए गए. उन सभी 8 राउंड में हर्षिता ने सफलता हासिल की. जिसके बाद 29 बच्चों में अकेले हर्षिता का चयन हुआ है. इसके बाद से उसके परिवार में खुशी है. परिवार अपनी बेटी की इस सफलता के लिए गौरवान्वित महसूस कर रहा है. हर्षिता का कहना है कि वो किसान परिवार से है और उसका परिवार आर्थिक तौर पर इतना मजबूत नहीं है कि उसे अमेरिका में बढ़ाई करने के लिए भेज सके.

वहीं, हर्षिता का कहना है कि उसे ये सच किसी सपने से कम नहीं लग रहा है क्योंकि बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो अमेरिका जाने के सपने देखते हैं और मैंने ऐसे सोचा भी नहीं था कि मैं कभी अमेरिका या विदेश में पढ़ने भी जा सकती हूं. क्योंकि मेरे परिवार के पास इतना पैसा नहीं है कि वो मेरा इतना खर्च उठा सके और बाहर पढ़ने के लिए भेज सके. उसका कहना है कि स्कूल ने भी उसका पूरा सहयोग दिया है. जो संभव हो सका स्कूल ने उसके लिए उतनी मदद की. हर्षिता कौशिक ने इस सफलता के लिए अपने माता-पिता और स्कूल का धन्यवाद किया है.

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इस दौरानस्वामी नित्यानंद ग्लोबल रेजिडेंटल स्कूल की प्रिसिंपल संगीता नैन ने हर्षिता कौशिक को शुभकामानाएं दी है. उन्होंने कहा कि हमने उसे गाइड किया और ये बच्ची हमारी गाइडेंस के साथ-साथ आगे बढ़ती गई. उन्होंने कहा कि इस दौरान बच्ची ने खुद को बहुत इंप्रूव किया है, काफी मेहनत की है. 10वीं की बोर्ड परीक्षा का प्रेशर भी बच्ची पर था और उसके साथ-साथ इस स्कॉलरशिप के लिए भी बच्ची ने खूब तैयारियां की है. ऐसे में बच्ची के लिए दोनों चीजों में तालमेल बैठा पाना काफी चैलेंजिंग रहा. लेकिन इस बच्ची ने कुछ अलग करके दिखाया है.

उन्होंने कहा कि इस बच्ची पर उन्हें बहुत प्राउड है और ये बोर्ड के एग्जाम रिजल्ट में भी काफी अच्छे नंबर लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि हर्षिता बाकि बच्चों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनेगी. हर्षिता ने अपनी कड़ी मेहनत से साबित कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्र से भी बच्चा बाहर पढ़ने जा सकता है और अपनी मेहनत से तमाम ऊंचाइयां हासिल कर सकता है.

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