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दिल्ली बॉर्डरों पर क्यों घट रही है किसानों की संख्या? सुनिए चढूनी का जवाब - गुरनाम सिंह चढूनी किसान संख्या दिल्ली बॉर्डर

दिल्ली के बोर्डरों पर आंदोलकारी किसानों की लगातार घटती संख्या से किसान नेता चिंतित हो रहे हैं. इसको लेकर किसान नेता किसान पंचायतों में सफाई देते फिर रहे हैं.

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दिल्ली बॉर्डरों पर क्यों घट रही है किसानों की संख्या? सुनिए चढूनी का जवाब

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Published : Mar 5, 2021, 7:42 PM IST

रोहतक: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन 100वें दिन में प्रवेश करने वाला है, लेकिन अब धिरे-धिरे बॉर्डर पर बैठे किसानों की संख्या लगातार कम हो रही है. इस पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सफाई दी है.

रोहतक पहुंचे चढूनी के मुताबिक अनुसार बॉर्डर पर किसानों की संख्या इसलिए कम हो रही है क्योंकि अभी आंदोलन का रूप बड़ा नही है. अगर जरूरत पड़ी तो रातों रात किसान इकठ्ठा हो सकते हैं. यही नहीं किसानों पर दर्ज मुकदमों के चलते अगर किसानों को गिरफ्तार किया गया तो किसान थानों के घेराव करेंगे.

दिल्ली बॉर्डरों पर क्यों घट रही है किसानों की संख्या? सुनिए चढूनी का जवाब

बता दें कि किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आज रोहतक महम के फरमाना गांव में किसान पंचायत के लिए पहुंचे थे. बोर्डरों पर आंदोलकारी किसानों की लगातार घटती संख्या से किसान नेता चिंतित हो रहे हैं. इसको लेकर किसान नेता किसान पंचायतों में सफाई देते फिर रहे हैं. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को लगता है कि बॉर्डर पर किसानों की जो संख्या घट रही है उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.

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गुरनाम सिंह चढूनी के अनुसार बॉर्डर पर फिलहाल आंदोलन का स्वरूप ज्यादा बड़ा और गंभीर नहीं है, इसलिए वहां पर किसानों की संख्या घट रही है. उनका कहना है कि अभी किसान केवल बॉर्डर पर खाली बैठा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब भी जरूरत पड़ेगी तो एक रात में किसान वापस आंदोलन को खड़ा कर सकते हैं.

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