रोहतक:प्रदेश में पहला मदर मिल्क बैंक बनाने का सपना जल्द पूरा होने वाला है. क्योंकि रोहतक पीजीआई की तरफ से इस दिशा में फिर से प्रयास शुरू किया गया है. देश के पांच राज्यों में मदर्स मिल्क बैंक का संचालन किया जा रहा है.
लेकिन अभी तक हरियाणा में 3 साल के प्रयासाें के बाद भी इसका संचालन नहीं हाे पाया. ऐसे में पीजीआई के न्यूनोटोलॉजी विभाग की टीम ने हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति के समक्ष मदर मिल्क बैंक स्थापित करने का फिर प्रस्ताव रखा है.
प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने टीम से जगह फाइनल कर बताने के आदेश दिए हैं. अभी तक मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक में जगह फाइनल करने पर सहमति बनने के साथ वर्ष 2020 में मदर मिल्क बैंक का संचालन शुरू होने का दावा किया गया है. चिकित्सक बताते हैं कि मदर मिल्क बैंक के जरिए ढाई किलो से कम वजन के शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध होगा.
दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
चार कमरों में संचालित होने वाले मिल्क बैंक में आधुनिक मशीनों का सेटअप लगाया जाएगा. नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से प्रोजेक्ट के तहत फंड उपलब्ध कराया जाएगा. मिल्क बैंक का संचालन करने के लिए मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विशेषज्ञ, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी और शिशु रोग विशेषज्ञ सहित टेक्नीशियन और नर्सों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.
बैंक में छह माह तक सुरक्षित रखा जा सकेगा दूध
चाइल्ड स्पेशलिस्ट चिकित्सक ने बताया कि पीजीआई में स्थापित होने वाला मदर मिल्क बैंक 24 घंटे संचालित होगा. यहां पर कोई भी महिला आकर अपना दूध बैंक में दान कर सकेगी. दूध लेने के लिए यहां आधुनिक मशीन होंगी.
उन्होंने बताया कि सबसे पहले मदर मिल्क बैंक में दूध डोनेट करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य की पूरी जांच की जाएगी. इस जांच में ये पता लगाया जाता है कि कहीं संबंधित महिला को कोई बीमारी तो नहीं है. इसके बाद दूध को माइनस 20 डिग्री पर रखा जाता है, जिससे ये दूध करीब छह महीने तक खराब नहीं होता है.
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