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ऐलान-ए-जंग: कृषि विधेयक के खिलाफ आज प्रदेश भर में किसानों का प्रदर्शन

हरियाणा में केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों विधेयकों को लेकर बवाल मचा हुआ है. प्रदेशभर के किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही अब आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं. जिसमें अगला कदम भारत बंद का रहेगा.

farmers will block road on 20 september in haryana
किसान आंदोलन हरियाणा

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Published : Sep 19, 2020, 6:31 PM IST

Updated : Sep 20, 2020, 1:31 PM IST

रोहतक: केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों विधेयकों के खिलाफ हरियाणा के किसानों ने ऐलान-ए-जंग का बिगुल बजा दिया है. इस बार किसान सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. जिसको लेकर लगातार तैयारियों में जुटे हुए हैं. आज किसान सांकेतिक धरना देकर सरकार को आगाह कर रहे हैं. अगर सरकार ने फिर भी ध्यान नहीं दिया तो आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा.

3 घंटे का सांकेतिक धरना

रोहतक में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार की ओर से लाए गए विधेयकों को राष्ट्र विरोधी बताते हुए कहा कि रविवार को किसान नेशनल हाईवे नंबर-1 (दिल्ली से चंडीगढ़) को छोड़कर पूरे प्रदेश की सड़कें जाम करने की बात कही थी, अगर सरकार नहीं मानी तो 25 सितंबर को भारत बंद होगा. इस बार आंदोलन की रूपरेखा कैसी रहेगी? इसको लेकर रोहतक की अनाज मंडी में चढूनी ने किसान और आढ़तियों ने बैठक कर रणनीति बनाई.

गुरनाम सिंह चढूनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये तीनों विधेयक किसान ही नहीं राष्ट्र विरोधी भी हैं. इन विधेयकों से सिर्फ उद्योग जगह को फायदा होगा. इसलिए 17 संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. यही नहीं किसान मजदूर और बहुत से कृषि से संबंधित से जुड़े लोग इसके विरोध में खड़े हुए हैं, लेकिन भाजपा सरकार इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगा रही है.

सांकेतिक धरना और चक्का जाम को लेकर रणनीति बनाते किसान, देखें वीडियो

एमएसपी गारंटी कानून लाए सरकार

उन्होंने कहा कि इस पर भाजपा के पास किसानों को देने के लिए कोई जवाब नहीं बता तो वो इस प्रकार का आरोप लगा रही है. साथ ही चढूनी ने सरकार की ओर से एमएसपी को लेकर दिए जा रहे आश्वासनों पर कहा कि सरकार को इस पर गारंटी कानून बनाना चाहिए, तभी किसानों का आंदोलन वापस हो सकता है.

ये भी पढ़ें:-गुरनाम चढूनी ने 25 सितंबर को भारत बंद का किया ऐलान

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे को लेकर चढूनी ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन ये हरसिमरत कौर का सही कदम है. उन्होंने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि दुष्यंत चौटाला को शर्म आनी चाहिए. क्योंकि उन्होंने प्रदेश में किसानों के नाम पर वोट लिए थे, लेकिन वो सारे वोट दुष्यंत ने बीजेपी को बेच दिए. अगर दुष्यंत चौटाला वास्तव में किसान हितैषी हैं तो अभी तक उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

Last Updated : Sep 20, 2020, 1:31 PM IST

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