रोहतक:पराली जलाने वाले किसानों पर सैटेलाइट से निगाह रखने के प्रसाशन के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. किसान रात को पराली जलाते हैं और दिन में अवशेषों को ठिकाने लगा देते है. ताकि किसी को पता न चले, लेकिन तस्वीरे झूठ नहीं बोलती. जिले में लगातार पराली जलाई जा रही है और प्रशासन पराली को छोड़कर पटाखों पर रोक की योजना बना रहा है.
इस संबंध में जब रोहतक डीसी से बात की गई तो उन्होंने माना कि इलाके में प्रदूषण की मात्रा बढ़ी है, लेकिन वो पराली जलाने से नहीं कूड़ा जलाने से बढ़ी है. प्रसाशन ये भी दावा कर रहा है कि सैटेलाईट से चूल्हे की आग तक देख लेते हैं और टीम लगातार निगाह बनाए हुए है.
रोहतक में किसान रात के अंधेरे में जला रहे पराली, दिन में अवशेषों को लगा रहे ठिकाने लेकिन अधिकारी ये नहीं मान रहे हैं कि लोग पराली जला रहे हैं. जबकि वीडियो में जलती हुई पराली साफ तौर पर दिख रही है. बता दें कि, रोहतक की हवा में प्रदूषण की मात्रा का स्तर 400 के करीब पहुंच चुका है. जो खतरनाक स्तर से भी ज्यादा है.
वहीं दूसरी तरफ रोहतक के उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार आज भी यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि उनके इलाके में पराली जलाई जा रही है. उनका कहना है कि कुछ जगह कूड़ा जलाने की घटना तो सामने आई है, लेकिन इलाके में पराली नहीं जलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हम सैटेलाइट के माध्यम से इलाके में निगाह रखे हुए हैं. जो चूल्हे की आग को भी दिखा देता है.
जब उनसे पूछा गया कि रात के अंधेरे में किसान पैराली जला रहे हैं. तो उन्होंने कहा कि रात के अंधेरे में तो और आसानी से सैटेलाइट की पकड़ में आ सकते हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अब तक मात्र 1 किसान पर मामला दर्ज हुआ है और उससे जुर्माना भी वसूला गया है. जबकि तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि रात ही नहीं बल्कि दिन के उजाले में भी धड़ल्ले से किसान पराली जला रहे है.
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