रोहतक: शुक्रवार को रोहतक में ट्रेड यूनियन के आह्वान पर केंद्रीय कर्मचारी और राज्य के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने मानसरोवर पार्क से लेकर डीसी ऑफिस तक प्रदर्शन करते हुए डीसी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि समय रहते सरकार बैकफुट पर आए नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
कर्मचारियों की मांग-
- कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए.
- निकाले हुए पीटीआई टीचरों को वापस भर्ती किया जाए.
- देश में बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों को घटाया जाए.
- केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों पर लगाई गई रोक को वापस लिया जाए.
ट्रेड यूनियन के आह्वान पर कर्मचारियों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
ये भी पढ़ें: 15 अगस्त तक लॉन्च हो सकती है देश की पहली कोरोना वैक्सीन, मानव परीक्षण 7 जुलाई से
कर्मचारी नेता कर्मबीर सिवाच ने कहा कि ट्रेड यूनियन के आह्वान पर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया है. जिसमें सभी कर्मचारी भाग ले रहे हैं. कर्मचारियों का महंगाई भत्ता काटने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, बर्खास्त पीटीआई टीचरों को वापस ज्वाइन करवाने, बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दाम आदि कुल 7 मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोगों से लेकर खाप पंचायतें भी जुड़ने लगी हैं. अगर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों पर 1 वर्ष के लिए रोक लगा दी गई है. जिससे कर्मचारी नाराज हैं और सरकार के खिलाफ मैदान में आ गए हैं. यह देशव्यापी रोष प्रदर्शन पूरे देश में है और अलग-अलग विभागों के यूनियनों ने इस प्रदर्शन में सरकार के खिलाफ भाग लिया है.