रोहतक:देश में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. इस महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगा दिया है, जिससे लोगों को जिंदगी को बचाया जा सके. लोग घरों में रहे सुरक्षित रह सकें लेकिन भी कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे. लॉकडाउन के उल्लंघन के अधिकतर केस शहरों से आ रहे हैं.
गांव में लॉकडाउन का असर
रोहतक शहर की तुलना में गांव में लोग लॉकडाउन का पालन ज्यादा कर रहे हैं. शहर की तरह गांव में इतनी पुलिस की चौकसी नहीं फिर भी ज्यादातर लोग अपने घरों में हैं. बहुत जरूरी काम जैसे पशुओं के लिए चारा लाना, घेर में जाकर गाय का दूध निकालना आदि होने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं.
गांव के लोगों का कहना है कि गेहूं की कटाई का समय चल रहा है. वे अपनी फसल काटने या फसल काट रहे मजदूरों को देखने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं. वहीं महिलाएं सिर्फ अपनी दिनचर्या की वस्तुओं को घर लाने के लिए बाहर निकल रही हैं. पशुओं को बिना चारे के नहीं रखा जा सकता. मुसीबत की घड़ी वे पूरे देश के साथ खड़े हैं.
ये भी पढ़ें:-लॉकडाउन: मोक्ष के द्वार पर लगा ताला! विसर्जन के इंतजार में पेड़ों पर टंगी अस्थियां
अधिकतर जिम्मेदारी गांव के युवाओं उठा ली है. गांव के युवा गांव के बाहर दिन-रात पहरा दे रहे हैं. सभी के गांव से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी है. अगर कोई गांव से बाहर जाता है तो उसको पूरा ब्योरा देना पड़ता है. इसके साथ ही गांव के बाहर के किसी व्यक्ति को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है.