रोहतक: साइबर ठग लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए आए दिन अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं. वहीं, महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) की एक एसोसिएट प्रोफेसर को शातिरों ने अपने जाल में फंसा लिया. प्रोफेसर को गूगल पर पंजाब नेशनल बैंक का कस्टमर केयर नंबर सर्च कर कॉल करना महंगा पड़ गया. यह मोबाइल नंबर किसी साइबर ठग का था,जिसने एसोसिएट प्रोफेसर को झांसे में लेकर एप डाउनलोड कराकर बैंक अकाउंट से 20 हजार रुपये निकाल लिए. इस संबंध में पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन में बुधवार देर रात को धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है.
जानकारी के अनुसार महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी कैंपस में रहने वाली डॉ. शालिनी यूनिवर्सिटी में ही अंग्रेजी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. बुधवार को वह गूगल पर पंजाब नेशनल बैंक का कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर रही थीं. गूगल पर मिले एक नंबर पर उन्होंने कॉल की, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं की. फिर थोड़ी देर बाद डॉ. शालिनी के पास एक अन्य नंबर से कॉल आई.
कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को पंजाब नेशनल बैंक के कस्टमर केयर का कर्मचारी बताया, जिसके बाद डॉ. शालिनी ने ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ी कुछ जानकारी मांगी. जिसके बाद उन्हें सुपरकॉम और टीम व्यूआर एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया. कॉल करने वाले ने भरोसा दिलाया कि यह पंजाब नेशनल बैंक का कस्टमर केयर नंबर है और वे पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. इस आश्वासन एसोसिएट प्रोफेसर ने एप डाउनलोड कर लिया, जिसके बाद उन्हें पंजाब नेशनल बैंक की पास बुक के फ्रंट पेज व डेबिट कार्ड का फोटो क्लिक करने के लिए कहा गया. साथ ही कहा गया कि इन फोटो को कहीं शेयर करने की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ ही देर बाद डॉ. शालिनी के मोबाइल पर बैंक अकाउंट से 20 हजार रुपये निकलने के मैसेज आए.
अकाउंट से पैसे निकलते ही महिला प्रोफेसर समझ गईं कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है और टीम व्यूआर एप के जरिए सारी जानकारी मिल गई. फिर डॉ. शालिनी शर्मा ने बैंक जाकर डेबिट कार्ड को ब्लॉक करवाया और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद उन्होंने पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन में शिकायत दी. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है. फिलहाल आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
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