रोहतक:हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की साल 2019 में लोकसभा चुनाव में हार हो गई थी. इस हार को दीपेंद्र हुड्डा भूला नहीं पाए हैं. रविवार को कलानौर विधानसभा क्षेत्र के गांव सुडाना पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा का हार को लेकर दर्द सामने आया. उन्होंने कहा कि दुख हार का नहीं, लेकिन दुख इस बात का है कि ऐसे प्रत्याशी से हार गए, जिसने चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी. वो भी यह कह कर कि सारा काम रोहतक में करवा दिया.
वहीं, उन्होंने वर्तमान भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वे भाजपा में गए और करनाल से टिकट मांगी, लेकिन उन्हें रोहतक से चुनाव लड़ाया गया. गौरतलब है कि दीपेंद्र हुड्डा ने गत लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी की टिकट पर लड़ा था. लेकिन भाजपा के अरविंद शर्मा ने उन्हें हरा दिया था. बाद में दीपेंद्र राज्यसभा सदस्य बने. इसी क्रम में कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में थोड़ी सी कसर रह गई थी. भाजपा ने 75 पार का नारा दिया था, लेकिन 40 ही सीट आई.
सत्ता में होते हुए भी जनता ने उन्हें हराने का काम किया, लेकिन जिस जेजेपी को भाजपा के विरोध में जनता ने वोट दिए थे, उसी ने भाजपा का साथ दिया और सरकार दोबारा से बनवा दी. दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में महंगाई बढ़ रही है. जिससे आम जनता परेशान है और सरकार को प्रदेश के लोगों की चिंता नहीं है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल में कोई रूपरेखा या विजन नहीं बनाया. जिसके आधार पर प्रदेश को विकसित किया जा सके और आगे बढ़ाया जा सके. जबकि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में महम में इंटरनेशनल कार्गो एयरपोर्ट मंजूर करवाया गया था. ताकि हरियाणा प्रदेश का विकास हो सके और आज वो एयरपोर्ट भी हमारे हाथों से छिन गया है. जिसके बाद एयरपोर्ट अब नोएडा चला गया. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भाजपा व जेजेपी ने मिलकर हरियाणा को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया.
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क्या था दीपेंद्र हुड्डा की हार का कारण: दरअसल, रोहतक लोकसभा में साल 2019 में करीब साढ़े 16 लाख के करीब वोटर्स थे. इन वोटर्स में 1 लाख 25 हजार के करीब वोटर ब्राहमण थे. तो हर बार कांग्रेस को ब्राहमण वोटर्स का समर्थन मिलता था. जिसके बाद 2019 में बीजेपी ने ब्राहमण कार्ड यहां से खेला और डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट देकर कांग्रेस के खिलाफ खड़ा कर दिया. जिसका रिजल्ट कांग्रेस के लिये काफी निराशाजनक रहा था. ब्राहमण समाज की 60 से 70 हजार के करीब वोट बीजेपी के खाते में चली गई और बीजेपी की शानदार जीत यहां से हुई थी. जिसके कारण कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को हार का सामना करना पड़ा था.