रोहतक: कोरोना महामारी के चलते फ्रंट लाइन में खड़े डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ संक्रमित हो रहे हैं, स्थानीय लोगों में ये संक्रमण ना फैसले इसके लिए अस्पताल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने की है. रोहतक पीजीआई में पीपीई किट और दूसरे बायोवेस्ट को बड़ी सावधानी से नष्ट किया जा रहा है. अगर यहां चूक हुई तो ये लोगों पर भारी पड़ सकती है. रोहतक पीजीआई में भी कोविड-19 वार्ड बनाया गया है जिसमे 11 जिलों के मरीज भर्ती किए गए हैं.
बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर पीजीआई ने एक कंपनी से करार किया है. जो बायो मेडिकल वेस्ट को सावधानी के साथ नष्ट करती है. इनमें पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इकव्यूपमेंट भी शामिल है. किट के इस्तेमाल के बाद इसको नष्ट करना जरूरी हो जाता है, नहीं तो इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है.
हरियाणा स्टेट पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से कोरोना वायरस को लेकर बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के बारे में गाइडलाइन जारी की है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा है कि अस्पताल प्रशासन सूखे और गीले कचरे को अलग रखने की व्यवस्था करें. सरकार और स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के तहत रोहतक पीजीआई में बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट किया जा रहा है.