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पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने मौसम की मार के चलते जलमग्न हुई फसल पर चिंता जताई, सरकार से मांगा मुआवजा - Bhupinder Singh Hooda

हरियाणा के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने कहा कि सरकार को तुरंत गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए. साथ ही जल्द से जल्द जल निकासी का प्रबंध किया जाना चाहिए ताकि किसानों को और नुकसान से बचाया जा सके.

Crops submerged in Haryana
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा

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Published : Jul 29, 2022, 2:48 PM IST

रोहतक: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने खेतों में जलभराव की समस्या के समाधान की मांग उठाई है. हुड्डा ने कहा है कि कैथल, हिसार,भिवानी,अंबाला,सिरसा, रोहतक, जींद, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, करनाल, और फतेहाबाद समेत प्रदेश के कई इलाकों में किसान जलभराव की समस्या का सामना कर रहे हैं. किसानों की हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई (Crops submerged in Haryana) है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक हफ्ते से ज्यादा वक्त बीत चुका है. इसके बावजूद सरकार ने जल निकासी के प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं. पिछले कुछ दिनों की बारिश के चलते धान, कपास और ज्वार की हजारों एकड़ फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. आने वाले दिनों में हरियाणा में तेज बारिश का अनुमान (Heavy Rain In Haryana) है. ऐसे में किसानों को डर है कि यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है.

हुड्डा ने कहा कि हालात इसी तरह बने रहे तो मौसम की मार और सरकार की अनदेखी के चलते किसान की फसल का बड़ा हिस्सा पानी की भेंट चढ़ जाएगा. इससे धान,कपास, गन्ना व ज्वार समेत अन्य फसलों के उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा. पहले ही किसान भारी नुकसान में है. उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए. साथ ही जल्द से जल्द जल निकासी का प्रबंध किया जाना चाहिए ताकि किसानों को और नुकसान से बचाया जा सके.

पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि पिछले कई फसली सीजन से किसान प्रकृति की मार झेल रहा है लेकिन सरकार के ऐलान और फसल बीमा योजना के बावजूद किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया. इससे एक बार फिर स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) किसानों के लिए लाभकारी साबित नहीं हो रही है.

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सामने आए आंकड़ों से पता चला कि सिर्फ 5 साल में बीमा कंपनियों ने 40 हजार करोड़ रूपए का मोटा मुनाफा कमाया है. जबकि किसानों को लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है. ऊपर से जले पर नमक छिड़कते हुए सरकार ने कई फसलों के बीमा की प्रीमियम राशि भी बढ़ा दी है.

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