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हरियाणा सरकार प्रदेश के शिक्षा तंत्र को बर्बाद करने की नीति पर चल रही है- भूपेंद्र हुड्डा

रोहतक में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा की शिक्षा नीति (haryana education policy) को लेकर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने विश्वविद्यालों को ग्रांट की जगह लोन देने के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी.

bhupinder hooda on haryana education policy
bhupinder hooda on haryana education policy

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Published : May 11, 2022, 7:47 PM IST

रोहतक: बुधवार को नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के युवाओं को शिक्षा और रोजगार से वंचित रखना बीजेपी-जेजेपी की नीति है. उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार प्रदेश के शिक्षा तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करने की नीति (bhupinder hooda on haryana education policy) पर आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इस सरकार का मकसद है कि हरियाणा के युवाओं को शिक्षा और रोजगार से वंचित रखा जाए.

इसी मकसद को पूरा करने के लिए स्कूलों को टीचर और विश्वविद्यालयों को ग्रांट नहीं दी जा रही है. सरकार की नीतियों से परेशान होकर आज बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक हर कोई सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जिले करनाल में छोटे-छोटे स्कूली बच्चे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. स्कूल में सुविधाएं और टीचर्स की मांग को लेकर विद्यार्थियों को भीष्ण गर्मी में 15 किलोमीटर पैदल मार्च करना पड़ा, क्योंकि गांव के स्कूल में सिर्फ एक टीचर और एक कमरा है. वहां ना बिजली-पानी की व्यवस्था है और ना ही शौचालय की.

इसी तरह प्रदेश में 63 स्कूल ऐसे हैं. जहां एक भी टीचर नहीं है. करीब 40 स्कूल ऐसे हैं. जहां सिर्फ एक टीचर है. मुख्यमंत्री के जिले करनाल में 32 लेक्चरर्स के पद खाली पडे हुए हैं. करनाल समेत पूरे हरियाणा में लगभग 50 हेड टीचर्स के पद खाली पडे हैं. स्कूल ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल के दौरान जींद में स्थापित की गई चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में पिछले डेढ़ साल से वीसी तक का पद खाली पड़ा हुआ है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि स्कूलों के बाद सरकार की टेढ़ी नजर विश्वविद्यालयों पर पड़ गई है, इसीलिए उसने विश्वविद्यालयों को ग्रांट की बजाय लोन देने का निर्णय लिया है.

भपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार विश्वविद्यालयों को नीलाम करके निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है. पहले विश्वविद्यालयों को कर्ज में डुबोया जाएगा और फिर उन्हें बेचने के फरमान जारी कर दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले से प्रदेश में शिक्षा और महंगी होगी. जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा से वंचित हो जाएंगे. इसलिए कांग्रेस इस फैसले का हर मंच पर विरोध करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार के दौरान हरियाणा को शिक्षा का हब बनाने की नीति तैयार की गई थी. इसलिए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 27 यूनिवर्सिटीज, सैंकड़ों कॉलेज, इंजीनियरिंग, मेडिकल, बीएड, जेबीटी कॉलेज, प्रोफेशनल कॉर्सिज इंस्टीट्यूट्स, आईटीआईज, मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल, आरोही मॉडल स्कूल खोले गए थे.

कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा में आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान हरियाणा को मिले, लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद पूरे शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर दिया. नए स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी बनाना तो दूर सरकार कांग्रेस कार्यकाल में बने संस्थानों में टीचर, स्टाफ व सुविधाएं तक मुहैया नहीं करवा पा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने बताया कि उनकी सरकार के दौरान सिर्फ शिक्षा महकमे में एक लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गईं थीं, जिसमें जेबीटी, पीजीटी से लेकर लेक्चरर, प्रोफेसर, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर शामिल हैं, लेकिन आज अलग-अलग महकमों में लगभग 4 लाख पद खाली पड़े हुए हैं.

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा (bhupinder hooda leader of opposition haryana) ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार के पूरे कार्यकाल में आज तक एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं निकाली गई, जबकि करीब एक लाख एचटेट पास युवा भर्ती के इंतजार में बैठे हैं. शिक्षा महकमे में करीब 40 हजार पद खाली पडे हुए हैं, फिर भी सरकार भर्ती करने का नाम नहीं ले रही. यही वजह है कि हरियाणा में पूरे देश के मुकाबले सर्वाधिक बेरोजगारी है. बेरोजगारी के विरोध में हरियाणा के युवा आंदोलनरत हैं. सरकार पक्की भर्तियां करने के बजाए कौशल निगम के जरिए ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रही है.

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