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लखीमपुर खीरी केस: बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, अजय मिश्रा टेनी पर FIR दर्ज करने की मांग

बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (Tez Bahadur Yadav) ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका स्वीकार कर ली है.

Tez Bahadur Yadav
Tez Bahadur Yadav

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Published : Dec 21, 2021, 7:16 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 7:53 PM IST

रेवाड़ी: पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव (Tez Bahadur Yadav) ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका स्वीकार कर ली है, हालांकि अभी तक सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Case) के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को चार किसानों को एक एसयूवी कार द्वारा कथित तौर पर कुचल दिया गया था, जब वे एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे. कार्यक्रम में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे. किसानों का आरोप है कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था और किसान अब केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि वह भी इस मामले में आरोपी हैं.

तेज बहादुर यादव ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

कौन हैं तेज बहादुर यादव

तेज बहादुर यादव हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले हैं. वो बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानि बीएसएफ में जवान थे. 9 जनवरी 2017 को बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में तेज बहादुर फौजियों को मिलने वाले खाने की शिकायत कर रहे थे. वीडियो में तेज बहादुर कह रहे हैं कि उनको दिया जाने वाला खाना खराब क्वालिटी का है. तेज बहादुर ये भी कह रहे हैं कि अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद हड़कंप मच गया था. कई दिनों तक तेज बहादुर मीडिया की खबरों में बने रहे. बाद बीएसएफ ने सेना की छवि खराब करने के आरोप में उन्हें बर्खास्त कर दिया था.

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पीएम मोदी के खिलाफ भरा था नामांकन

तेज बहादुर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भी दाखिल किया था, लेकिन उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका भी लगाई थी. तेज बहादुर यादव ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया था कि वाराणसी के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गलत ढंग से उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया. जिसके परिणाम स्वरूप वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके जो उनका संवैधानिक अधिकार है.

तेज बहादुर यादव वाराणसी से पहले निर्दलीय उम्मीदवार थे. बाद में समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपनी पार्टी से टिकट देने का ऐलान कर दिया. चुनाव के बाद तेज बहादुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन अवैध घोषित करने की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. यादव ने दलील दी थी कि मोदी ने नामांकन पत्र में अपने परिवार के बारे में विवरण सही नहीं दिया इसलिए उनका निर्वाचन रद्द किया जाये.

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Last Updated : Dec 21, 2021, 7:53 PM IST

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