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हरियाणा के नरेंद्र ने बढ़ाया देश का गौरव, गणतंत्र दिवस पर ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोस्कीयूज्को पर फहराया तिरंगा - माउंट कोस्कीयूज्को पर फहराया तिरंगा

रेवाड़ी के नरेंद्र ने ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोस्कीयूज्को (indian flag hoisted on Mount Kosciuszko australia) को गणतंत्र दिवस के दिन दूसरी बार फतह किया है. इस पर नरेंद्र को ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग के उपायुक्त सुनीत मेहता ने उच्चायोग बुलाकर बधाई दी.

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रेवाड़ी के नरेंद्र ने बढ़ाया देश का गौरव.

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Published : Jan 27, 2023, 5:40 PM IST

रेवाड़ी: जिले के नेहरुगढ़ गांव के युवा पर्वतारोही ने गणतंत्र दिवस पर ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोस्कीयूज्को फतह किया है. उन्होंने 23 जनवरी को इस अभियान की शुरुआत की थी. अभियान का नाम 'आजादी का अमृत महोत्सव' रखा गया. नरेंद्र ने इस चोटी को गणतंत्र दिवस पर दूसरी बार फतह कर माउंट कोस्कीयूज्को पर फहराया तिरंगा. माउंट कोस्कीयूज्को ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप पर सबसे ऊंचा पर्वत है. इस मौके पर नरेंद्र को ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग के उपायुक्त सुनीत मेहता ने उच्चायोग बुलाकर बधाई दी.

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोस्कीयूज्को के साथ-साथ अन्य 9 सबसे ऊंची चोटियों को 2018 में फतह कर चुके हैं. माउंट कोस्कीयूज्को ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में है. इस अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल हुए थे. नरेंद्र इससे पहले भी कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं. आर्मी जवान कृष्णचंद के पुत्र नरेंद्र का सपना दुनिया के सभी 7 महाद्वीपों पर फतेह कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज कराना है.

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नरेंद्र 5 महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर चुके हैं. नरेंद्र ने 2012 में पर्वतारोहण के बेसिक, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई, 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू के साथ सभी कोर्स पास किए हैं. जिसमें माउंट एवरेस्ट को 2016 व 2022 में 6 दिन में बिना अनुकूलन के फतह किया. किलिमंजारो को दो बार, एलब्रुस को ट्रैवल्स में, माउंट कोस्कीयूज्को व ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया है.

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इसके साथ-साथ दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ को फतेह किया है. अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान 12 साल की उम्र में ही नरेंद्र ने जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़कर अपने पर्वतारोहण की प्रारंभिक शुरुआत कर दी थी. वर्ष 2008 से नरेंद्र ने नियमित तौर से पर्वतारोहण का अभ्यास शुरू किया. उसके बाद महज 19 वर्ष की आयु में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-टू व 5612 मीटर ऊंची डीकेडी-टू के साथ कालिंदी पास व वासुकी ताल पास, लेह, गढ़वाल चोटी को फतेह करके सबसे कम उम्र का पर्वतारोही साबित हुए थे. उन्हें विश्व की कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है. अब उनका अगला लक्ष्य, उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी देनाली और अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विंसन है.

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