रेवाड़ी:रक्षा बंधन का त्यौहार नजदीक है. भाई-बहन के स्नेह को समर्पित इस त्यौहार का बहनें बेसब्री से इंतजार करती हैं और कोशिश कर रही हैं कि किसी भी हालत में भाई की कलाई सूनी न रहे, लेकिन इस बार कोरोना ने सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया है. इससे पहले भी कई त्यौहार बिना रौनक के चले गए, ऐसी ही स्थिति रक्षा बंधन पर बनती दिख रही है. बहनें राखी बांधने अपने भाई पास नहीं जा पा रही हैं. क्योंकि कोरोना का दौर चल रहा है. इसलिए वो अपने भाइयों को डाक से ही राखियां भेजकर प्यार पहुंचा रही हैं.
बहनों का सहारा बना डाक विभाग
पहले भी बहनें डाक के जरिए भाइयों को राखियां भेजती थी, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से ये संख्या कई गुना हो गई है. पिछले साल रेवाड़ी में मात्र 1800 राखियां डाक के जरिए भेजी गई थी, लेकिन इस बार ये आंकड़ा तीन गुना से भी ज्यादा हो गया है. पिछले करीब 10 दिनों में 5200 से अधिक राखियां भेजी जा चुकी हैं और ये सिलसिला लगातार जारी है. हर रोज 250 से 300 राखियों पोस्ट हो रही हैं.
रक्षाबंधन पर्व पर कोरोना का साया!
मिर्जापुर की रहने वाली संगीता सिंह का कहना है कि वो हरियाणा के रेवाड़ी में नौकरी करती है, लेकिन कोरोना की वजह से रेल और बस सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण वो इस बार अपने भाइयों को राखी डाक के माध्यम से ही भेज रही है. रेवाड़ी से मिर्जापुर तक डाक पहुंचने में एक सप्ताह का समय लग जाएगा. संगीता सिंह ने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व बहन-भाई के अटूट प्रेम का प्रतीक होता है.