रेवाड़ी:कर्ज वो चीज है जिस पर चढ़ जाए उसकी नींद उड़ा देता है, साथ ही कर्ज का बोझ उतारने के लिए कोई खुदकुशी तो कोई अपराध की दुनिया का रास्ता पकड़ लेता है. आर्थिक तंगी के बीच पले बढ़े राजस्थान के जिला पाली गांव आकड़ावास निवासी बादल राम भी वही शख्स है जो राजस्थान में सेकंड क्लास मजिस्ट्रेट बनने का सपना संजोए कुछ दिन पहले तक तैयारी कर रहा था.
कुछ महीने पहले ही उसने राजस्थान लोक सेवा आयोग आरएएस परीक्षा का प्री-क्लियर किया था और अब मेंस की तैयारी देनी थी, लेकिन इसी बीच एक ऐसा मोड़ आया और वो ग्रुप डी की नौकरी लगने के लिए किसी कबूतर बाज के चक्कर में फंस गया. नौकरी भी नहीं मिली और उस पर 15 रुपये लाख का कर्ज भी हो गया.
इसी कर्ज को उतारने के लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. सोमवार को इसी दुनिया के साथ कदमताल करते हुए वो रेवाड़ी में सोने से महंगी नशीली ब्राउन शुगर की सप्लाई करने पहुंच गया, लेकिन उसका पहला ही पड़ाव उस पर भारी पड़ गया और वो सीआईए रेवाड़ी की टीम के हत्थे चढ़ गया.
दरअसल, स्कूल टाइम से ही होनहार 25 वर्षीय बादर राम के पिता पेमाराम राजस्थान में बिजली निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद से रिटायर हैं. पांच भाई-बहनों में तीन बहनों की शादी हो चुकी है उसकी शादी 4 महीने पहले ही हुई थी. उसका एक छोटा भाई भी है. आर्थिक तंगी से परेशान परिवार को उभारने के लिए बादर राम लगातार नौकरी की तलाश में लगा हुआ था. उसने जयपुर में भी तैयारी की लेकिन साल 2019 में ग्रुप डी की भर्ती में पैसे देकर नौकरी पाने का लालच उसे भारी पड़ गया.
तीन नंबर से सब इंस्पेक्टर बनने से चूका बादर राम ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2019 में उसने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर का पेपर दिया था. इस पेपर में वह मात्र 3 अंकों से रह गया था. उसने उसके बाद राजस्थान सिविल सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस की परीक्षा दी उसमें उसने पहले ही प्रयास में प्री क्लियर कर दिया.