रेवाड़ी: देश में 10 में से 4 बच्चे लगातार कुपोषण के शिकार हो रहे हैं जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया यह है कि बढ़ते कुपोषण पर अंकुश लगाने के लिए आशा व एएनएम वर्करों को एक विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.
घर-घर जाकर महिलाओं में इस तरह की जागरूकता लाएंगी कि उनका बच्चा कभी भी कुपोषण का शिकार ना हो. जिले में 818 आशा वर्कर कार्यरत हैं और उन्हें बारी-बारी बैच बनाकर रेवाड़ी स्थित ट्रामा सेंटर में ट्रेनिंग दी जा रही है. 5 दिन दी जाने वाली इस ट्रेनिंग में आशा वर्करों को बताया जाता है कि किस तरह बच्चे को कुपोषण से बचाया जा सके.
स्वास्थ्य विभाग लगाएगा बढ़ते कुपोषण पर अंकुश, आशा वर्कर घर-घर जाकर करेंगी जागरूक. ये भी पढ़ें- सिरसाः कोरोना वायरस को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जारी किया एडवाइजरी
एचबीवाईसी कार्ड दवारा बच्चों को क्या और कब कैसे खिलाना है उसमें पूरा विवरण दिया जाएगा. 3 से 15 महीने तक के बच्चे को मां के दूध के साथ-साथ कुछ पोस्टिक आहार देने जरूरी होते हैं जिससे छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके. बच्चों में एनीमिया, दस्त, उल्टी ना हो उसके उपाय भी आशा वर्कर माताओं को घर-घर जाकर बताएंगे ताकि बच्चों को कुपोषण का शिकार ना होना पड़े.
आशा वर्करों ने बताया कि 10 में से 4 बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके. ये भी बताया जा रहा है कि बच्चों का वजन कैसे बढ़ाना चाहिए और किस तरह से फॉर्म भरे ताकि उसमें बच्चों को दिया जाने वाला आहार शामिल हो. खैर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशाओं को दी जा रही ट्रेनिंग से अब कुपोषण पर कितना अंकुश लगेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
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