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निर्वाचन के एक साल बाद धारूहेड़ा नपा चेयरमैन की शपथ लेंगे कंवर सिंह - रेवाड़ी की खबरें

धारूहेड़ा नगर पालिका के चेयरमैन (Dharuhera Municipality Chairman) का चुनाव जीतने वाले कंवर सिंह निर्वाचन के एक साल 36 दिन बाद चार फरवरी को शपथ लेंगे.

Dharuhera Municipality Chairman
Dharuhera Municipality Chairman

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Published : Feb 2, 2022, 8:01 PM IST

रेवाड़ी:धारूहेड़ा नगर पालिका के चेयरमैन कंवर सिंह का एक साल 36 दिन बाद चार फरवरी को शपथ लेने का इंतजार खत्म हो सकता है. मार्कशीट की वैधता पर हाईकोर्ट की मुहर लगने के बाद निर्वाचन आयोग को मतदान से दो दिन पहले चेयरमैन पद के उपचुनाव के लिए 12 सितंबर को होने वाले मतदान को रोकना पड़ा था. हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर की सुनवाई के बाद अगली तारीख चार फरवरी निर्धारित की थी. सुनवाई की तारीख से दो दिन पहले हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को चार फरवरी को कंवर सिंह को चेयरमैन पद की शपथ दिलवाने के निर्देश दिए हैं.

न्यायालय के आदेश मिलने के बाद जिला प्रशासन ने रेवाड़ी के एसडीएम को चार फरवरी को कंवर सिंह को शपथ दिलवाने की जिम्मेदारी सौंप दी है. धारूहेड़ा नगर पालिका के 27 दिसंबर 2020 को हुए चुनाव के 30 दिसंबर को आए परिणाम में निर्दलीय संदीप बोहरा को 632 वोटों से हराकर कंवर सिंह चेयरमैन का चुनाव जीते थे. संदीप बोहरा ने मतगणना के 6 दिन बाद कंवर सिंह की मार्कशीट को फर्जी बताते हुए याचिका दायर की. जिसे जांच के बाद सही मानते हुए प्रदेश निर्वाचन आयोग ने मार्च 2021 में शपथ दिलवाए बिना ही कंवर सिंह के निर्वाचन का रद्द घोषित कर दिया.

इसके बाद प्रदेश निर्वाचन आयोग ने 12 सितंबर को नपा चेयरमैन उपचुनाव करवाने का भी ऐलान कर दिया. कंवर सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 10 सितंबर 2021 को कंवर सिंह की मार्कशीट को वैधता पर अपनी मुहर लगा दी. जिससे निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए 12 सितंबर को होने वाले मतदान के निर्णय को वापस लेना पड़ा. जिसे उपचुनाव में उतरे सात उम्मीदवारों ने फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी. अब एक बार फिर हाईकोर्ट ने चार फरवरी को होने वाली सुनवाई से पहले ही कंवर सिंह को चार फरवरी को चेयरमैन पद की शपथ दिलवाने के आदेश दे दिए हैं.

ये भी पढ़ें-धारूहेड़ा: फर्जी निकला नवनिर्वाचित चेयरमैन का 10वीं का सर्टिफिकेट, चुनाव आयोग का फैसला बाकी

बता दें कि, 632 वोटों से मिली हार के बाद संदीप बोहरा ने शपथ पत्र देकर कंवर सिंह की 10वीं की मार्कशीट को चुनौती दी थी. जिसमें कहा था कि कंवर सिंह ने दो जुलाई 1981 को दी सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन से दसवीं की परीक्षा पास करने की मार्कशीट नामांकन के साथ लगाई है. जबकि उस समय हरियाणा में कोई ऐसा बोर्ड ही नहीं था. अपने शपथ पत्र में मार्कशीट की वैधता की जांच करवाने की मांग की थी. कोसली के तत्कालीन एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया तथा उन्होंने निर्वाचन आयोग को भेजी जांच रिपोर्ट में मार्कशीट को अवैध करार दिया था. जिसके आधार पर निर्वाचन आयोग ने मार्च माह में ही कंवर सिंह को अयोग्य घोषित कर दिया था.

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