रेवाड़ी: वीरवार को उपभोक्ता आयोग ने रेवाड़ी में डॉक्टर पर जुर्माना लगाया है. निजी अस्पताल के डॉक्टर पर उपभोक्ता आयोग ने 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा डॉक्टर को 11 हजार रुपये भी पीड़िता को देने होंगे. मिली जानकारी के मुताबिक रेवाड़ी की एक महिला ने दो बच्चों के बाद फैमिली प्लानिंग का ऑपरेशन करवाया था, लेकिन 28 जुलाई 2016 को उनकी बेटी की मौत हो गई.
जिसके बाद महिला ने फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन को खुलवाने के लिए शहर के बीएमजी मॉल के समीप स्थित मिशन अस्पताल में उपचार कराया. 3 अक्टूबर 2016 से 5 अक्टूबर 2016 तक महिला का इलाज चला. इस दौरान चिकित्सक ने कहा कि फैमिली प्लानिंग खोलने का ऑपरेशन अच्छी तरीके से कर दिया गया है. अब वो गर्भधारण कर सकेंगी. करीब 2 साल तक महिला को पेट में असहनीय पीड़ा होती रही और उन्हें गर्भधारण भी नहीं हो सका.
इसके बाद उन्होंने शहर के एक अन्य चिकित्सक से सलाह ली, तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराया. अल्ट्रासाउंड करने के बाद मालूम हुआ कि ऑपरेशन करते समय धागा पेट में ही रह गया है. जिस कारण से पेट में दर्द हो रहा है, और बच्चे भी नहीं हो पा रहे हैं. इसके बाद महिला के पति ने पुलिस में शिकायत चिकित्सक के खिलाफ दी. सरकारी अस्पताल की एक टीम ने भी शिकायत पर जांच की, लेकिन जांच में उन्हें कुछ गलत नहीं लगा.
शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता रजवंत डहीनवाल की मार्फत एक शिकायत जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग को 31 नवंबर 2018 में दायर की. इस शिकायत का निपटारा करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार खंडूजा एवं सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने अपने संयुक्त निर्णय में स्पष्ट किया कि चिकित्सक की लापरवाही इस पूरे मामले में साबित हो रही है. चिकित्सक ने शिकायतकर्ता को डिस्चार्ज समरी ही नहीं दी थी.