रेवाड़ी:हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब इंतजार है तो बस परिणाम का. लेकिन रेवाड़ी के बावल हलके के गांव में कई बुजुर्गों एंव दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
पोलिंग बूथ पर नहीं थी व्हील चेयर
इस परेशानी ने प्रशासन की तैयारी की पोल खोल दी. दरअसल गांव मामड़िया आसमपुर की ग्राम पंचायत के अधीन आने वाले गांव कढू भवानीपुरा में पोलिंग बूथ पर व्हील चेयर नहीं होने की वजह से बुजुर्गों और दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
दिव्यांग और बुजुर्गों को हुई परेशानी
गौरतलब है कि जो काम चुनाव आयोग को करना चाहिए था. उस काम को बुजुर्गों और दिव्यांगों के परिजन कर रहे थे. बूथ पर व्हील चेयर न होने की वजह से परिजनों द्वारा खुद उठाकर उन्हें पोलिंग बूथ तक ले गए. जब प्रशासन ने व्हील चेयर को उपलब्ध करवाया, तब तक कई दिव्यांग और बुजुर्ग वोट डाल चुके थे.
101 वर्षीय बुजुर्ग महिला को करना पड़ा परेशानी का सामना
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में इसी गांव के कढू के ग्रामीणों ने शत-प्रतिशत मतदान किया था. अब विधानसभा चुनाव में भी विभाग द्वारा कढू में बूथ नंबर-21 स्थापित किया गया, लेकिन प्रशासन द्वारा हर बूथ पर सुविधा के किये गए दावे कढू गांव में फेल हो गए. बूथ पर व्हील चेयर नहीं पहुंचाई गई, जिसके चलते गांव की सबसे बुजुर्ग महिला 101 वर्षीय रामेश्वरी देवी पत्नी दीनदयाल को उसके परिजन कुर्सी पर बैठाकर मतदान केन्द्र तक लाए और मतदान कराया.
कई देरी के बाद उपलब्ध कराया गया व्हीलचेयर
इसी तरह गांव के अनेक बुजुर्ग लाठी-डंड़ों का सहारा लेकर बूथ तक पहुंचे थे. जब 2 बजे के बाद बूथ पर व्हीलचेयर उपलब्ध कराया गया. लेकिन तब तक गांव के लगभग सभी बुजुर्ग व दिव्यांग वोट डाल चुके थे. लेकिन इन बुजुर्गों एंव दिव्यांगों ने प्रशासन पर निर्भर न होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया.
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