रेवाड़ी: हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध (Protest against the bond policy in Haryana) में चल रहे एमबीबीएस स्टूडेंट के आंदोलन के बीच शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि इसको लेकर राजनेताओं के जो बयान है, वह सिर्फ स्टूडेंट को बहकाने वाले है. इसको लेकर गलत प्रचार किया जा रहा है. मंत्री ने यहां तक कह दिया कि डॉक्टर बनने के बाद कोई गरीब नहीं रहता.
मेरे या मुख्यमंत्री के पैसे नहींशिक्षा मंत्री देर शाम इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी (Indira Gandhi University Rewari) में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया कि जो बच्चे सरकारी कॉलेज में पढ़ रहे है, उनका खर्चा बहुत कम है. उन पर खर्च हो रहे पैसा मुख्यमंत्री या मेरा नहीं है, ये जनता का पैसा है.
जनता के पैसे पर बनते है डॉक्टर-शिक्षा मंत्री बोले कि हमने कहा कि वो जनता के पैसे पर डॉक्टर बनते है, इसलिए उनकी ड्यूटी है कि वे जनता के लिए भी कुछ करें. इसलिए हमने कहा कि वे 7 साल तक सरकारी सेवा में रहेंगे. ठीक है सरकारी सेवा में जो रहते हैं, उनका वेतन कम है और प्राइवेट में ज्यादा है.
जनता के सहयोग का बदला उतारें-शिक्षा मंत्री ने कहा कि उस वक्त आपके पास इतने पैसे नहीं थे, जब आप डॉक्टर बन रहे थे. तब जनता ने आपका सहयोग किया तो अब आपकी ड्यूटी बनती है कि 7 साल तक आप जनता की सेवा करें.
डॉक्टर बनने के बाद तो कोई गरीब नहीं-एमबीबीएस के गरीब स्टूडेंट पर बॉन्ड पॉलिसी का भार वाले सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर आप इस बात से सहमत नहीं है कि हम तो ज्यादा पैसे लेंगे और प्राइवेट में जाएंगे तो हमने कहा कि एक बॉन्ड है, 40 लाख किश्तों में दे दो. सरकारी में सवा लाख और प्राइवेट में ढाई लाख मिल रहे तो डॉक्टर बनने के बाद तो कोई गरीब नहीं है.