रेवाड़ी: एशिया के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में शुमार रेवाड़ी रेलवे जंक्शन की अपनी एक अलग पहचान है. इसी पहचान को बरकरार रखने के लिए 30 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रेवाड़ी से दिल्ली के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रेवाड़ी से दिल्ली के लिये रवाना किया था.
रेवाड़ी: एक से नहीं बन रही बात, और इलेक्ट्रिक ट्रेनों की मांग - haryana news
रेवाड़ी से दिल्ली के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिक ट्रेन यात्रियों का समय बचाती है, लेकिन ऐसी ट्रेनों की संख्या ना के बराबर है. जिस वजह से यात्रियों को पुरानी ट्रेनों में ही सफर करना पड़ रहा है.
इलेक्ट्रिक ट्रेन के चलने से यात्रियों में खुशी की लहर थी, क्योंकि इस ट्रेन से यात्री 40 मिनट तक बचा रहे थे, लेकिन और इलेक्ट्रिक ट्रेन की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों की माने तो रेवाड़ी-दिल्ली के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से उन्हें काफी राहत मिली है, लेकिन यह सुविधा कुछ ट्रेनों में ही है. बाकी सभी में आज भी वही पुराना डीजल इंजन ही काम कर रहा है.
इलेक्ट्रिक ट्रेन की सुविधा सुचारू न होने की वजह से यात्रियों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. यात्रियों ने जल्द दूसरी इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की भी मांग की है.