रेवाड़ी: गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हिंसक घटना का हर कोई विरोध कर रहा है. खुद किसान भी इस घटना का कड़ा विरोध कर रहे हैं. बुधवार को रेवाड़ी में करीब 20 गांव के लोगों ने डूंगरवास गांव में पंचायत कर आंदोलनकारियों को जगह खाली करने का अल्टीमेट दिया. अल्टीमेटम के बाद किसानों ने साहबी पुल पर किसानों ने धरने को खत्म कर दिया है.
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बता दें कि दिल्ली-जयपुर हाइवे-48 स्थित मसानी बैराज और साहबी पुल पर करीब डेढ़ महीने से किसान कृषि कानून के विरोध में धरना दे रहे थे. बुधवार को करीब 20 गांव के लोगों ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर उन्हें 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया. जिसके बाद किसानों ने धरने को खत्म कर दिया.
लाल किले की घटना के बाद किसान आंदोलन के खिलाफ लामबंद हुए 20 गांव के लोग ग्रामीणों ने किसानों से हाइवे को खाली करने का अल्टीमेटम दिया और कहा कि अगर किसानों ने हाईवे खाली नहीं किया तो वो चुप नहीं बैठेंगे. इस बीच हाईवे पर तैनात पुलिस ने किसानों और ग्रामीणों के बीच तनाव होने से रोका.
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पुलिस ने ग्रामीणों को एक तरफ बुलाकर उनकी बात सुनी और आंदोलनकारियों से भी हाईवे खाली करने की अपील की. ग्रामीणों का कहना है कि डेढ़ महीने से मसानी बैराज पर किसान आंदोलन के कारण बिजली, पानी और आवाजाही समेत उनकी तमाम व्यवस्था चरमरा गई हैं.
ग्रामीणों के मुताबिक उनके खेतों में खड़ी फसल भी खराब हो चली है. ऊपर से किसान आंदोलन के नाम पर गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी में जो घिनौना कृत्य इन आंदोलनकारियों ने किया, वो बहुत शर्मनाक है. इसी के चलते ग्रामीणों में भारी रोष है.
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पुलिस से मिले आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हो गए और उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे में हाईवे खाली नहीं हुआ तो वो आगे की रणनीति तय करेंगे. इस बारे में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने आंदोलनकारियों से बातचीत कर ली है और उन्हें समझा दिया है कि अगर ग्रामीण सिंघु या टिकरी बॉर्डर जाना चाहते हैं, तो पुलिस उन्हें NH-71 के रास्ते भेजने को तैयार है.
करनाल में भी लोगों ने किया लाल किले की घटना की विरोध
करनाल सेक्टर-9 कुंजपुरा रोड पर भी सैकड़ों की संख्या में लोगों ने दिल्ली के लाल किले पर हुई घटना का विरोध किया. लोगों ने प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि शाम तक हरियाणा के सभी टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए टेंटों को उखड़ा जाए. नहीं तो इसके बाद प्रशासन जिम्मेदार होगा.