पानीपत:हरियाणा में खेलों को लेकर युवाओं में खासा जुनून देखने को मिलता है. खिलाड़ी पूरी जी जान से मेहनत करते हैं, खेलों की बदौलत हरियाणा में अधिकांश युवा नौकरी भी प्राप्त करते हैं और साथ ही साथ देश का नाम भी रोशन करते हैं. तो आज हम एक ऐसे गांव की कहानी आपको बता रहे हैं, जहां के लोगों में बास्केटबॉल का जुनून इस कदर सवार है की शाम होते ही बच्चे हो या बड़े सभी ग्राउंड की ओर रुख कर लेते है. यहां के लोगो का कहना है कि यह गांव बास्केटबॉल की बदौलत ही दो वक्त की रोटी खा रहे हैं. उनका यह कथन इसलिए है क्योंकि इस गांव 600 से 700 लोग इस खेल की बदौलत सेना में नौकरी कर चुके हैं.
हम बात कर रहे हैं पानीपत से 32 किलोमीटर दूर स्थित अहर गांव की यहां के सभी युवा बास्केटबॉल में रुचि रखते हैं और इसी बास्केटबॉल की बदौलत वह सरकारी नौकरियां भी प्राप्त कर रहे हैं. 10 नहीं, 12 नहीं बल्कि सैकड़ों इस गांव में नेशनल स्तर के और इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ियों की भरमार है. आर्मी से रिटायर्ड हुए फौजी ने बताया कि 1966 में गांव के सरकारी स्कूल में एक PTI टीचर आये थे उन्हेंने गांव में इस खेल को शुरू किया था. उस के बाद युवा यहीं खेल चुनने लगे 2 साल बाद ही इस गांव की बास्केटबॉल की पूरी टीम को आर्मी में नौकरी मिल गई. यही वजह कि इस गांव के अधिक से अधिक युवक इस खेल की तरफ रुख करने लगे हैं. 4 बार इस गांव की पूरी टीम को नौकरी पर रखा गया है.