पानीपत: तेज धूप पारा 40 के पार और हर शख्स गर्मी से बेहाल है, लेकिन इस हाल में अगर पीने के पानी के लिए जूझना पड़े, तो इससे बुरा क्या हो सकता है. सूखता गला और डिहाइड्रेशन अच्छे खासे इंसान को अस्पताल पहुंचा सकता है, लेकिन तपती दोपहरी में आमजन को जरूरी काम के लिए घर से बाहर निकलना तो मजबूरी है.
स्पेशल रिपोर्ट: पानीपत में लोग पानी-पानी चिल्ला रहे हैं! - HARYANA
लघु सचिवालय में ही ये हाल है तो शहर के बारे में सोच ही क्या सकते हैं. हम तो बस यही सलाह दे सकते हैं. सरकारी दफ्तर घर से बाहर खरीददारी करने निकले या लघुसचिवालय आएं तो अपने लिए पीने का पानी साथ लाएं या फिर पानी खरीद कर पीने के लिए तैयार रहें. क्योंकि जल है तो ही जीवन है.
ये तस्वीरें हैं पानीपत के लघु सचिवालय की. रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग अपने जरूरी काम करवाने के लिए यहां आते हैं. इस गर्मी में प्रशासन की तरफ से लोगों को बैठने के लिए कुर्सियां और पंखे की व्यवस्था तो की है. लेकिन पीने के पानी का बंदोबस्त नहीं कर पाए.
लघु सचिवालय के वाटर कूलर लम्बे समय से खराब हैं. अधिकारियों ने अपने लिए प्राइवेट कंपनी से पीने के पानी व्यवस्था तो कर ली, लेकिन आमजन को पानी के लिए तरसने के लिए छोड़ दिया. वहीं जब पानीपत सीटीएम शशि वसुन्दरा से इस बारे जानने की कोशिश की गई. तो उन्होंने तो सीधे-सीधे पल्ला झाड़ लिया.पानी सप्लायर्स का कहना है कि पिछले दो महीने से अधिक समय से वो अधिकारियों के लिए सैकडों पानी के कैम्पर लघु सचिवालय भेज रहे हैं, मगर आम जन की कोई सुनाई नहीं है.