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यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानीपत में बाढ़ के आसार, खेतों में भरा पानी

यमुना नदी खतरे के निशान पर बह रही है और हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. उत्तर भारत के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं. ग्रामीणों को बाढ़ का डर सताने लगा है. पानीपत यमुना नदी के साथ लगते गांवों के हालात खराब होना शुरू हो गए हैं.

उफान पर यमुना (डिजाइन फोटो)

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Published : Aug 19, 2019, 7:52 PM IST

पानीपत: लगातार बारिश के चलते हरियाणा के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. यमुना नदी खतरे के निशान पर बह रही है और हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है.

उत्तर भारत के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं. रविवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बारिश की वजह से कम से कम 40 से ज्यादा लोगों की मौत गई. जबकि कई लोगों के लापता होने की खबर है. यमुना और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण अब हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.

यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानीपत में बाढ़ के आसार, देखिए रिपोर्ट

खेतों में पानी भरने लगा है- ग्रामीण
रविवार शाम को छह बजे तक करीब 8.72 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. सोमवार शाम तक यमुना नदी का जल स्तर 208 मीटर तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. किसानों की फसल खराब होना शुरू हो चुकी है.

यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत में बाढ़ का डर
तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से यमुना से लगते यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत के 84 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. करनाल के छह गावों जपती छपरा, शैयद छपरा, जपती छपरा डेरा, नफियाबाद,नगली व हलवाना में रविवार की रात 11 बजे के बाद पानी घुस गया. यमुना से लगे निचले इलाकों को खाली करने को कहा गया है. साथ ही एनडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया है. ईटीवी भारत की टीम यमुना और यमुना से सटे गांवो में जायजा लेने पहुंची.

खेत डूब गए हैं- ग्रामीण
गांव के लोगों का कहना है कि उनके खेत पूरी तरह से डूब चुके हैं पानी कभी भी गांवों की ओर रुख कर सकता है. फसल डूबने से उनका भारी नुकसान हुआ है. इसके साथ ही किसानों ने उनकी फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की जा रही है.

'अभी गांव में नुकसान नहीं हुआ'
नहरी विभाग के कर्मचारी ने जानकारी दी कि यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. प्रशासन की तरफ से बाढ़ बचाव के पूरे प्रबंध किए हुए हैं. गांवों के खेतों में पानी भरा है गांव के अंदर अभी किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

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