पानीपत: पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया..ये नारा इसलिए दिया जाता है, क्योंकि देश का कोई भी बच्चा पढाई से वंचित ना रह पाए. गरीब से गरीब परिवार का बच्चा भी स्कूल जा सके. इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. बावजूद इसके सरकार के दावे पानीपत के हरिनगर में स्थित प्राइमरी स्कूल में आकर फेल हो जाते हैं. लगभग 300 बच्चों के इस सरकारी स्कूल में कक्षा लगाने के लिए सिर्फ दो ही क्लासरूम बने हुए हैं. बाकी बच्चे बरामदे में बैठकर पढ़ते हैं. एक ही कमरे में दो से तीन कक्षाओं को पढ़ाया जा रहा है.
हरी नगर का प्राइमरी स्कूल मात्र ढाई सौ गज जमीन पर बना हुआ है. इस स्कूल के अंदर पांचवी कक्षा तक के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. क्लास लगाने के लिए मात्र यहां सिर्फ तीन ही कमरे हैं. एक कमरे को ऑफिस के लिए यूज किया जाता है. बाकी बचे दो कमरों में क्लास लगाई जाती है. लगभग 300 बच्चों के इस स्कूल में बच्चे आने के बाद भीड़ बढ़ जाती है. इस गर्मी भरे मौसम में तो यहां का आलम और भी बदतर हो जाता है. बच्चों को बरामदे में बैठकर पढ़ना पड़ता है. टीचरों को भी एक जगह तीन-तीन कक्षाओं को पढ़ाने में बड़ी मुश्किल आती है.
बड़ी बात आपको बता दें कि कि स्कूल पहले टूटी फूटी लोहे की टीन की छत के नीचे चलाया जाता था. यहां अधिकांश प्रवासी मजदूरों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. कई बार सरकार से दरख्वास्त करने के बाद यह तीन कमरे बनाए गए. सरकार को बार-बार लिखने के बाद भी यहां कोई समाधान नहीं हुआ तो कैसे इन बच्चों का भविष्य सुधर पायेगा और कैसे यह एक स्वस्थ वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे.