पानीपत:कोरोना की पहली डोज में हीरो साबित होने वाला हरियाणा दूसरी डोज (corona second dose haryana) में फिसड्डी साबित हो रहा है.साल 2019 में चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना संक्रमण (Covid-19 Infection) ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जिंदगी छीन ली. ऐसा लगा मानों इस वायरस ने इंसानों के वजूद को खतरे में डाल दिया है. साल 2020 में भारत में आई दूसरी लहर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. हर राज्य हर शहर से मौत की खबर आने लगी, लेकिन देश के वैज्ञानिक भगवान के रूप में सामने आए. भारत को कोरोना से लड़ने (India Fight Against Corona) के लिए वैक्सीन मिलीं.
लंबे इंतजार के बाद साल 2021 में देश की जनता को कोरोना वैक्सीन दी जाने लगी. भारत सरकार ने पूरे देश में निशुल्क वैक्सीनेशन अभियान (Free Vaccination Campaign) की शुरूआत की. कोरोना की इस लड़ाई में लोगों ने भी वैक्सीनेशन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और पहली डोज लगवाई, लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, लोगों के मन से कोरोना संक्रमण का डर खत्म होता जा रहा है. यही वजह है कि देश में वैक्सीन की पहली डोज जिस रफ्तार से लगाई गई, दूसरी डोज उतनी तेजी (Vaccination Second Dose Slow) से नहीं लगी.
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ईटीवी भारत की टीम ने हरियाणा में कोरोना वैक्सीन की रफ्तार पर स्टडी की तो पता चला कि हरियाणा कोरोना की पहली वैक्सीन लगाने के मामले में कई राज्यों को पीछे छोड़ चुका था. शुरुआती दौर में लोगों ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर (Corona Vaccine Third Wave) की डर से लाइनों में लगकर वैक्सीन लगवाई. कई विशाल अभियान चले, जिसमें शहरों में 12 घंटों के अंदर ही हजारों लोगों ने वैक्सीन लगवाया, लेकिन दूसरे वैक्सीन के वक्त लोगों ने रूची नहीं दिखाई.
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