पानीपतः प्रदेश में एक नहीं दर्जनों बार आमरण अनशन करके सरकार को गौवंश को के लिए सख्त कानून बनाने पर मजबूर करने वाले संत गोपाल दास संदिग्ध परस्थितियों से गायब हो गए हैं. उनका इलाज पिछले 2 महीनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा था. मामले में परिजनों से सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आगामी लोकसभा चुनाव के चलते हुए गायब!
संत के पिता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गोपाल दास गाय की दशा सुधारने के लिए सरकार के विरुद्ध बयानबाजी करते थे और क्योंकि देश में लोकसभा चुनाव नजदीक है. इसलिए उन्हें नजर बंद किया गया है. गोपालदास के पिता ने आशंका जताई है कि सरकार के दिशानिर्देश पर उनके बेटे और संत गोपालदास को गायब किया गया है.
पूरा परिवार है परेशान
इस तरह अचानक संत के गायब होने से परिजन काफी परेशान हैं. परिवार गोपालदास की तलाश में धक्के खाने को मजबूर है. यही नहीं दिल्ली के मालवीय नगर विधायक के साथ गोपाल दास के पिता ने उनकी गुमशुदगी का मामला भी दर्ज करवाया है.
तो कहां गायब हो गए संत?आपको बता दें कि कुछ महीने पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोहतक दौरे में भारी सुरक्षा के बीच संत गोपल दास रैली स्थल पर झोटा लेकर पहुंच गए थे. जिसके बाद से सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोहतक जेल में डाल दिया था. जहां पर उनकी तबियत खराब होती चली गई थी और उसके बाद संत गोपाल दास कहां चले गए किसी को नहीं पता.
'2 महीने पहले मिले थे अपने बेटे से'
संत गोपाल दास के पिता शमेशर सिंह ने कहा कि वो आखिरी बार उन्हें 2 महीने पहले एम्स में मिले थे. मौन व्रत पर होने के कारण उन्होंने अपने हाथ से लिखा पत्र भी अपने पिता को दिया था. उनके पिता ने कहा कि प्रशासन और सरकार कहीं भी भेज सकती है.