पानीपत: गणतंत्र दिवस के मौके पर पानीपत प्रशासन द्वारा कई ऐसे लोगों को प्रशस्ति पत्र दे दिए गए जो कि भ्रष्ट कार्यो में लिप्त है. ये बात हम नहीं बल्कि चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर का कहना है. उनका दावा है कि पानीपत में स्टेट वक्फ बोर्ड के ऑफिसर पर तैनात मोइनुद्दीन काजी प्रतिबंधित चाइनीज ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन को खुद से रद्द करने का गैरकानूनी काम भी किया है. बावजूद इसके पानीपत प्रशासन द्वारा मोइनुद्दीन काजी को बीते 26 जनवरी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर का दावा है कि पानीपत नगर निगम की जमीन पर वक़्फ बोर्ड द्वारा करीब दो दर्जन दुकानदारों को ये जमीन किराए पर अलॉट कर दी गई है. वक्फ बोर्ड इन दुकानदारों से किराया भी वसूल रहा है. ये जमीन रेलवे रोड-गीता मन्दिर रोड पर स्थित है. खसरा नंबर 3605 की भूमि की मलकियत राजस्व रिकॉर्ड में गांव शामलात के नाम दर्ज है. इसी जमीन के मामले को लेकर पीपी कपूर ने वक्फ बोर्ड से आरटीआई के तहत कुछ कागजात मांगे.
इसके जवाब में वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर द्वारा पीपी कपूर को जो कागजात मुहैया कराए उसमें भारत सरकार द्वारा जारी किए गए एक गजट नोटिफिकेशन की कॉपी भी थी. इस कागजात पर मोइनुद्दीन ने खुद से कैसिंल कर हस्ताक्षर कर दिया और वक्फ बोर्ड का मुहर भी लगा दिया. जो कि कानून गलत है. पीपी कपूर का कहना है कि स्टेट ऑफिसर को इन कागजातों के उपर 'आरटीआई के लिए जारी किए कागजात' लिखना चाहिए था. जो कि उन्होंने नहीं लिखा और एक गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए स्टेट ऑफिसर ने उन्हें ये कागजात सौंप दिए.