पानीपत: हरियाणा में बेमौसम बारिश से जनजीवन बेहाल हो गया है. सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है. किसानों की 6 महीने की मेहनत बरसात में बर्बाद हो गई है. सैकड़ों एकड़ में लगी गेहूं की फसल पूरी तरह चौपट हो गई. हरियाणा के कई इलाकों में मंगलवार सुबह एक बार फिर बारिश शुरू हो गई. बरसात से एक बार फिर खेतों में पानी भर गया है.
किसानों की गेहूं की फसल खेत में तैयार होकर कटने की कगार पर है लेकिन बार-बार हो रही बारिश ने उनके सारे इंतजामों पर पानी फेर दिया है. सरकार ने एक अप्रैल से हरियाणा में गेहूं की खरीद भी शुरू कर दी है लेकिन किसानों के सामने यहां भी कई दिक्कतें खड़ी हैं. मंडी में खरीददार गेहूं की फसल में नमी होने के कारण खरीदने से इनकार कर देता है. वहीं कई किसानों की फसल खेत से कटने के बाद भी मंडी में ही भीग गई. मार्च महीने से शुरू हुई बारिश अप्रैल में भी थमने का नाम नहीं ले रही है.
बरसात से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. ये भी पढ़ें-किसानों का छलका दर्द! तेज तूफान के साथ बारिश ने फिर दी दस्तक, 3 दिनों तक भारी बरसात की संभावना
मंगलवार सुबह भी बरसात और तेज हवाओं से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि एक तरफ बरसात से किसान परेशान है वहीं दूसरी तरफ सरकार का पोर्टल नहीं चल रहा. किसानों को मुआवजा लेने के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है. किसान को खुद अपने फसल की रिपोर्ट पोर्टल पर देनी होती है लेकिन जब भी रिपोर्ट अपलोड करने जाते हैं पोर्टल का सर्वर डाउन रहता है.
बरसात से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. चंडीगढ़ मौसम विभाग ने हरियाणा में वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है कि आज यानि 4 अप्रैल को उत्तर हरियाणा के जिलों चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल में आज रुक रुककर बारिश की संभावना है. हलांकि 6 अप्रैल तक बाकी कि हिस्सों में मौसम साफ रहेगा लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि 6 अप्रैल के बाद एक बार फिर बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है. अभी किसानों की फसलों को पकने में कुछ समय और लग सकता है. अगर इन दिनों में ओलावृष्टि और बारिश हुई तो किसान बिल्कुल बर्बादी के कगार पर पहुंच जायेगा.
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